यहां मिलते हैं महायुद्ध के अवशेष, कई संस्कृतियों का है संगम

नई दिल्ली : अगर आप ऐसे स्थानों पर छुट्टियों के लिए जाना चाहते है जहां आपको प्राकृतिक सुन्दरता और शान्ति मिल सके तो आप भारत के दो केंद्र शासित प्रदेश आपके लिए सबसे बेहतर विकल्प हैं. ये वो जगहें हैं जो भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति से पहले 450 से अधिक वर्षों तक पुर्तगालियों का घर हुआ करती थीं. अगर आप अब भी नहीं पहचान पाए तो चलिए हम बताते हैं आपको.

दमन और दीव

बात हो रही है दमन और दीव की. ये जगह कई युद्धों की वजह से भी जानी जाती है. यहां अंग्रेजी, हिंदी, गुजरती, पुर्तगाली और मराठी इन दोनों जिलों में प्रमुख भाषा मानी जाती है. अंग्रेजी, हिंदी, गुजरती, पुर्तगाली और मराठी इन दोनों जगहों की प्रमुख भाषा मानी जाती है.

दमन गंगा नदी के मुहाने पर स्थित है. अपनी प्राकृतिक सुन्दरता के कारण यह विशेष जिला दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करता है. इस क्षेत्र में विभिन्न जातियाँ और संस्कृतियाँ सामन्जस्य के साथ रहती हैं. दमन विशेष रूप से अपने पुर्तगाली उपनिवेशी वास्तुकला, आकर्षक समुद्रतटों और गिरिजाघरों के लिये जाना जाता है.

दमन पर्यटन का सांस्कृतिक स्वरूप जनजातीय, शहरी, यूरोपीय और भारतीय परम्पराओं को मिश्रण है। इस जिले की बहुत ही समृद्ध विरासत है। यहाँ के निवासी नृत्य और संगीत को विशेष महत्व देते हैं. इस जगह में आप दमन के समुद्रतटों पर गुनगुनी धूप का आनन्द भी ले सकते हैं. यहाँ आप टेस्टी सी फ़ूड का मज़ा उठा सकते है.

इस जिले में आपको हिन्दू, मुस्लिम और ईसाई सभी धर्मों के लोग मिलेंगें. दीव अहमदाबाद, राजकोट, भावनगर और वडोदरा जैसे प्रमुख शहरों से सड़क द्वारा जुड़ा हुआ है जिससे पर्यटक आसानी से यहां तक आ सकते हैं.

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