
अगर आप अपने दंपती जीवन की तू-तू, मैं-मैं से त्रस्त हैं, तो परेशान होना छोड़ दीजिए, क्योंकि पति-पत्नी के बीच की नोंकझोंक भी फायदेमंद होती है। यह हम नहीं बल्कि वैज्ञानिकों के एक शोध से यह बात सामने आई है।
वैज्ञानिकों का दावा है कि समाज में भले ही लोग गऊ जैसी सीधी-सादी बहू को घर में लाना पंसद करें, लेकिन यह स्थिति हमेशा के लिए लाभप्रद और आदर्श नहीं हो सकती। यदि आपकी पत्नी बेहद सीधी है और आप स्वभाव उग्र है तो यह विरोधाभास आपके जीवन के लिए ठीक नहीं है। इसके विपरीत यदि आपकी पत्नी कर्कशा है और आप बहुत सीधे हैं तो यह स्थिति भी दोनों के स्वास्थ के लिए ठीक नहीं है। यानी दोनों ही स्थितियां दंपती के जीवन के लिए ठीक नहीं है।
सोते समय इस स्थान पर रखते हैं पैसे, तो खर्च होना तय
एक शोध में यह बात सामने आई है कि उग्र स्वभाव वाले पति के लिए इसी मिजाज की पत्नी ही उपयोगी है।
वैज्ञानिकों ने उग्र पत्नी को पति के दीर्घायु जीवन के लिए जरूरी माना है।
उनका दावा है कि दंपती झगड़े में यदि पति-पत्नी बराबर से उग्र होते हैं तो उनमें बीमारी का जोखिम कम होता है।
इससे दोनों लंबा जीवन या दीर्घायु होते हैं।
आमतौर पर दंपती के बीच झगड़े या वाद-विवाद में अक्सर घर के बूढ़े बुजूर्ग एक पक्ष को शांति का पाठ पढ़ाते हुए मिल जाते हैं।
यह स्थिति तब उत्पन्न होती है, जब पति-पत्नी समान मात्रा में झगड़े में उग्र होते हैं।
दूसरी, स्थिति में पति उग्र होता है और पत्नी शांति से उसको बर्दाश्त करती है। यह स्थिति प्राय: भारतीय समाज में देखने को मिल जाती है।
तीसरी स्थिति कई बाद पत्नी अत्यधिक उग्र होती है और पत्नी शांति से उसको सहता है।
झगड़े की तीन स्थितियां व उसके परिणाम
दंपती के झगड़े में इन तीनों स्थितियों को मद्देनजर वैज्ञानिकों ने कुछ निष्कर्ष निकाले हैं। उनके दावे आपको अटपटे लग सकते हैं। हंसने के लिए या विनोद के लिए मजबूर कर सकते हैं। वैज्ञानिकों का मत है कि दंपती के बीच झगड़े की केमिस्ट्री का सीधा संबंध दोनों के स्वास्थ और जीवन से जुड़ा हुआ है। वैज्ञानिकों का दावा है कि यदि झगड़े के दौरान महिला-पुरुष बराबर से उग्र हाेते हैं तो उनकी उम्र बढ़ती है। उनमें बीमार होने का जोखिम कम होता है।। उनका मानना है कि बाकी दोनों स्थितियाें में बीमारी का जाखिम बढ़ जाता है। इससे दंपती की आयु अल्प होती है। यानी झगड़े के दौरान पति अधिक उग्र होता है और पत्नी शांति रहती है या फिर पत्नी उग्र होती है आैर पति शांति रहता है। इससे दोनों में बीमार होने के खतरा ज्यादा होता है।
अमेरिका के जर्नल ऑफ साइकोसोमैटिक मेडिसिन के अध्ययन में 192 जोड़ों के साथ यह शोध किया गया। यह शोध 32 वर्षों तक लगातार जारी रहा। इस शोध में झगड़े के दौरान दंपती की प्रतिक्रियाओं का अध्ययन किया गया। इस आधार पर वैज्ञानिकों ने यह निष्कर्ष निकाले। एरिज़ोना विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान केली बोरासा ने कहा पति-पत्नी का विरोधी स्वभाव या उनके प्रतिक्रिया शैली की विसंगतियां मौत के खतरे को बढ़ा देती है।Video : देखिए किसने की ऐसी भविष्यवाणी की “2019 में पीएम होंगे राहुल गांधी” …
वैज्ञानिको का मानना है कि दंपती के बीच विचारों की भिन्नता रहती है तो वह दोनों किसी न किसी मुद्दे को लेकर जीवनभर संघर्ष करते हैं। किसी मुद्दे पर एक पक्ष सहमत होता है और दूसरा असहमत होता है। उनका कहना है कि इससे दोनों के बीच संघर्ष चलता है। यदि दोनों के स्वभाव में विरोधाभास है तो इससे एक पक्ष सदा तनाव में रहता है। यही प्रवृत्ति बीमारी का कारण बनती है। क्यों कि इसमें एक पाटर्नर दूसरे को समझाने को लेकर ही चिंतित रहता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि लंबे समय तक इस संघर्ष से बीमारी के खतरे बढ़ जाते हैं।