तीन साल रहे ‘मौन’, योगी को घिरता देख मोदी ने उठाया कदम

तीन सालनई दिल्ली। बीते कई साल से गोरखपुर सहित पूरा पूर्वांचल में जापानी बुखार की बीमारी ने मौत का नंगा नाच किया है। इनमें अधिकतर बच्चों की मौत हुई है। सीएम योगी आदित्यनाथ खुद इस मुद्दे को संसद से लेकर सड़क तक उठाते रहे, जब वह सांसद थे। जिसके चलते 2011 में यूपीए सरकार ने संसद में इस बात का आश्वासन दिया था कि गोरखपुर में जल्द से जल्द एम्स जैसा संस्थान बनेगा। लेकिन मोदी सरकार आए तीन साल हो गए पर कोई बड़ा कदम नहीं उठाया गया।

पूर्वांचल की इस त्रासदी को रोकने के लिए 2014 में आई मोदी सरकार भी कोई बड़ा कदम नहीं उठा पाई। शुक्रवार को जब अचानक बीआरडी कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी के चलते एक साथ 30 बच्चों की मौत की खबर आई और उसमें योगी सरकार को घिरता देखा तो आनन-फानन में केन्द्र सरकार हरकत में आई।

केन्द्र सरकार ने घोषणा की है कि गोरखपुर में मेडिकल रिसर्च सेंटर स्थापित करवाएगा। यह सेंटर बच्चों की बीमारियों पर रिसर्च करेगा और उन बीमारियों से लड़ने के लिए टीकों को विकसित करेगा।

गोरखपुर दौरे के वक्त केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा ने रविवार को इस बात की घोषणा की। उन्होंने कहा कि रिसर्च सेंटर बनाने के लिए केन्द्र सरकार 85 करोड़ रुपए खर्च करेगी।

मोदी सरकार ने 2016 में 750 बेड वाले एम्स अस्पताल के निर्माण को मंजूरी दी थी और साथ ही साथ जुलाई 2016 में पीएम नरेंद्र मोदी ने खुद उसकी नींव रखी थी। लेकिन एम्स 2019 से पहले बनने की हालात में नहीं है।

ऐसे में बीआरडी मेडिकल कॉलेज ही है जो पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी बिहार और नेपाल के तराई इलाकों के तकरीबन 10 करोड़ लोगों को सस्ती स्वास्थ्य सुविधा दे रहा है।

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