तमिलनाडु को रोजाना 2,000 क्यूसेक पानी देते रहने का निर्देश

तमिलनाडुनई दिल्ली| सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को कर्नाटक को निर्देश दिया कि वह तमिलनाडु को रोजाना 2,000 क्यूसेक पानी देना तब तक जारी रखे, जब तक कि वह कावेरी जल विवाद न्यायाधिकरण के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला नहीं सुना देता। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति अमिताव रॉय तथा न्यायमूर्ति ए.एन.खानविलकर की सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने कहा कि फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई सात फरवरी से शुरू होगी।

यह उल्लेख करते हुए कि तमिलनाडु, कर्नाटक व केरल द्वारा दायर याचिकाओं की सुनवाई रोजाना आधार पर होगी, न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि वह मामले को न्यायाधिकरण के पास भेजने के पक्ष में नहीं हैं, क्योंकि अब वह कार्यरत नहीं है, हालांकि बंद नहीं हुआ है।

उन्होंने कहा, “अवधारणा के आधार पर मैं मामले को दोबारा न्यायाधिकरण के पक्ष में नहीं हूं। विचार से खेलना खतरनाक है।”

न्यायाधिकरण का फैसला पांच फरवरी, 2007 को आया था और इसकी घोषणा केंद्र सरकार ने 19 फरवरी, 2013 को की थी। फैसले में पानी को साझा करने के अलावा, कावेरी प्रबंधन समिति तथा कावेरी जल नियंत्रण समिति की स्थापना की सिफारिश की गई थी।

न्यायालय द्वारा याचिकाओं की रोजाना आधार पर सुनवाई तब सामने आई है, जब कर्नाटक की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता फली नरीमन ने न्यायालय से कहा कि भोजनावकाश के बाद अगर रोजाना दो घंटे सुनवाई हो, तो तीन सप्ताह में सुनवाई पूरी हो जाएगी।

LIVE TV