ढिंचक पूजा घुसी राजनीति में ,गाने से किया मोदी का विरोध !

2 अक्टूबर 2014. जिस रोज़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छ भारत अभियान शुरू कर रहे थे. उसी रोज़ एक ऐतिहासिक शुरुआत और हुई थी. ढिंचाक पूजा ने अपना यूट्यूब चैनल शुरू किया था.

कालांतर में Dhinchak Pooja ने गायन के क्षेत्र में इतने व्यू और इतना नाम कमाया. जितनी शोहरत किसी एवरेज प्रतिभावान सिंगर को सपने में भी न मिले. फिलहाल ढिंचाक पूजा का एक और गाना आया है. जो मोदी विरोधी है. यदि आप मोदी समर्थक हैं और ये बात सुनते ही उन्हें गालियां देने को भाग रहे हैं तो रुकिए. पहली बात किसी को गाली देना अच्छी बात नहीं. दूसरे, वीडियो में कमेंट डिसेबल हैं. आप कुछ नहीं लिख पाएंगे.

अब आते हैं वीडियो पर. टाइटल है. विकास पूछ रहा है. इससे हमें अखिलेश यादव के “विकास पूछ रहा है” वाले ट्वीटों की श्रृंखला याद आती है. ये इकलौता साम्य नहीं है. पहले ही दृश्य में समाजवादी हवा लगती है, जब पूजा साइकल पर सवारी करती नज़र आती हैं.

ये सुन ढिंचाक पूजा के फैंस से जानना चाहा कि माजरा क्या है. जवाब मिला ये तो तो ‘विकास पूछ रहा है’ वाले गाने का पूजाकरण है. लेओ अभी पता चला ऐसा कोई गाना भी आया था.

 

खैर गाने में विकास रिवर्स होते नज़र आता है, पहले पूजा कहती थीं “ऑडी में मैं घूमती, सुबह शाम और रात में.” फिर वो “दिलों के शूटर” स्कूटर पर आईं और अब साइकल पर. गाने के बोल सुनाई पड़ते हैं.

 

सबर का बांध टूट रहा है.

पूरा भारत पूछ रहा है.

बदहाली से जूझ रहा है.

सुनो विकास पूछ रहा है.

 

वोटिंग मशीन के खिलाफ चल रहे अभियान का नेतृत्व कर रहे एन. चंद्रबाबू नायडू !

ये सुन मन में सवाल आता है. वो क्या मजबूरी है, जिसके कारण ढिंचाक पूजा को इतनी गर्मी में काली जैकेट पहनने पर मजबूर होना पड़ा.

 

बीच में ढेर सी जिबरिश वाले लिरिक्स के बाद ये पंक्तियां बजती हैं.

 

राज तुम्हारा काज तुम्हारा

पांच साल रहा ताज तुम्हारा

फिर क्यों हर बात का दोषी

हो रहा विपक्ष बेचारा

 

विपक्ष को कुरते पर लगाए एक लड़का और एक साड़ी वाली लड़की नज़र आती है. मैं पूछना चाहता हूं क्या ये सिंबॉलिक राहुल और प्रियंका हैं?

आगे की पंक्तियों में सीधा हमला भाजपा पर है.

 

अच्छे दिन की लगी थी रट

फिर वो नारा गया क्यों घट

सबका साथ सबका विकास

धन्नासेठों में गया क्यों बंट

 

इन पंक्तियों तक ढिंचाक पूजा जनकवि हो पड़ती हैं और ये गाना जनगीत. जब ‘अभी-अभी हुआ यकीन कि आग है मुझमें कहीं’ लिखने वाले प्रधानमंत्री में फ़कीरी खोज लेते हैं. तब ढिंचाक पूजा सरकारी नारों पर सवाल उठा रही हैं. धन्नासेठों का ज़िक्र कर वो रफ़ाल डील पर सवाल उठा रही हैं. मन किया कि उन्हें राष्ट्रकवि घोषित कर दूं, फिर लगा ये कुछ ज़्यादा ही हो रहा है.

 

अब गाने का वो हिस्सा आया, जहां गीतकार समाज को संदेश देता है. कहा गया.

जुमलों के जरिये अच्छे दिन बांटे जाते हैं.

तो जनता के खातों से पैसे काटे जाते हैं.

व्यापारी की खुशियों को वापस लौटाओगे.

महिलाओं की सुरक्षा का अहसास कराओगे.

 

इन पंक्तियों के दौरान ढिंचाक पूजा के बगल में एक महिला खड़ी थीं. जिस समय रोबोटिक कट्स के साथ हमारी स्टार ने ‘महिलाओं की सुरक्षा’ कहा. मैं कुर्सी से कूदकर नीचे गिर पड़ा, फर्श पर पड़े-पड़े लिख रहा हूं. महिलाओं को सुरक्षा मिलनी चाहिए. ताकि कोई भी ऐसे जाकर उन्हें गाने के शूट के नाम पर परेशान न कर सके.

इस सब के बाद भी वीडियो में बहुत कुछ है. साहेब, तुमसे न हो पाएगा टाइप्स बातें हैं. म्यूजिक तेज़ हो गया और भी कई चीजें स्क्रीन पर हुईं. लेकिन मैं भी इंसान हूं, मेरा भी ध्यान वैसे ही गाने से उठ गया जैसे पीछे खड़े विकास का मन बोरियत से चट गया.

 

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