‘ड्रेगन’ vs ‘ड्रोन’ : अब पूर्वी लद्दाख में शुरु होगा यह खेल, चीनी सैनिक होंगे पीछे हटने को मजबूर

भारत-चीन के बीच सीमा पर तनातनी जारी है। इसी को ध्यान में रखते हुए भारत अपनी ताकत बढ़ाने व चीन की हर चाल का करारा जवाब देने में लगा हुआ है। बता दें कि भारत बहुत जल्द अनमैंड एरिअल व्हीकल (UAV) के साथ अमेरिकी मिनी ड्रोन अपनी सेना को देने वाला है। इस से भारत के सैनिक पूर्वी लद्दाख के चप्पे-चप्पे पर अपनी नजर बनाए रख सकेंगे।

जानकारी के मुताबिक इन की खरीदी पर दिसंबर में मुहर लगाई जा सकती है। वहीं इनकी डिलेवरी मिलते ही इसे लद्दाख सीमा पर चौकसी के लिए भेजा जाएगा। आपको बता दें कि ये यूएवी भारत के मौजूदा निगरानी करने वाले सिस्टम से कई गुना अच्छे हैं व यह आधुनिक माने जा रहे हैं। इसे रक्षा बलों के द्वारा आपात वित्तीय शक्तियों के तहत खरीदा जाएगा।

बता दें कि रक्षा बलों को यह शक्ति देश के पीएम मोदी ने दी है। यदि बात करें इस दी गई शक्ति के बारे में तो इसके अंतर्गत रक्षा बल 500 करोड़ रुपये तक खर्च कर अपनी युद्ध क्षमता को बढ़ा सकते हैं। बता दें कि इस से पहले भी भारत के द्वारा इस तरह की खरीदी पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी शिविरों को तबाह करने के बाद की गई थी।

जानकारी के लिए बता दें की भारत एक अमेरिकी फर्म से 2 प्रीडेटर ड्रोन लेगा जो की लीज पर होंगे। साथ ही भारतीय वायु सेना हवा में रहते हुए जमीन पर वार करने वाली हमर स्टैंड-ऑफ मिसाइलों को खरीदेगी। बता दें कि इस मिलाइल की मारक क्षमता 70 किमी. है जो की बड़े आराम से दुश्मन को सबक सीखा सकती है। जल्द की अमेरिका से खरीदे जा रहे मिनी ड्रोन को भारत-चीन सीमा पर तैनात सैनिकों को दिए जाएंगे। इस ड्रोन की सहायता से सैनिक अपने क्षेत्र की निगरानी हर परिस्थिति में कर पाएंगे।

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