डोनाल्ड ट्रंप की भारत को खरी-खरी, भेजने पड़ेगी कोरोना से लड़ने की दवा…
नई दिल्ली। दुनियाभर में कोरोना का खतरा बढ़ता जा रहा है. अमेरिका इस वक्त कोरोना के सबसे ज्यादा मामलों के साथ पहले पायदान पर है. यहां अब 3 लाख से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके है जबकि 10 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. पिछले 24 घंटो में अमेरिका में हजार से ज्यादा लोगों की मौत की खबर है. इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को चेतावनी दी है. ट्रंप ने कहा है कि भारत कोरोना से लड़ने के लिए हाइड्रोक्सिक्लोरोक्वीन दवा नहीं भेजता है तो उसे इसका नतीजा भुगतना होगा.
दरअसल हाइड्रोक्सिक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine)दवा मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल की जाती है. इसका इस्तेमाल कोरोना से लड़ने के लिए मरीजों का इम्यून सिस्टम मजबूत रखने के लिए भी किया जा रहा है. भारत ने इस दवा के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है. वहीं अमेरिका ने पिछले दिनों इस दवा की मांग की थी.
I spoke to him (PM Modi), Sunday morning & I said we appreciate it that you are allowing our supply (of Hydroxychloroquine) to come out, if he doesn't allow it to come out, that would be okay, but of course, there may be retaliation, why wouldn't there be?: US Pres Donald Trump pic.twitter.com/kntAqATp4J
— ANI (@ANI) April 6, 2020
ट्रंप ने कोरोना वायरस टास्कफोर्स से बात करते हुए कहा, इंडिया के अमेरिका के साथ संबंध काफी अच्छे हैं और मुझे इसके पीछे कोई वजह समझ नहीं आती कि भारत इस दवा को क्यों नहीं भेजेगा. उन्होंने कहा, मैंने यह नहीं सुना है कि दवा पर प्रतिबंध लगाना पीएम मोदी का फैसला था. मुझे पता है कि उन्होंने दूसरे देशों के लिए इस पर प्रतिबंध लगाया है लेकिन भारत और अमेरिका के संबंध काफी अच्छे हैं और पीएम मोदी ने है कहा है कि वह हमारी मांग को कंसिडर करेंगे.
आज का राशिफल, 07 अप्रैल 2020, दिन-मंगलवार
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, मेरी उनसे बात हुई है. बातचीत काफी अच्छी रही. ट्रंप ने कहा कि पीएम मोदी के साथ उनके हालिया फोन कॉल के दौरान बताया गया कि वह अमेरिका की दवा की मांग पर विचार करेंगे. इसी के साथ ट्रंप ने इशारों ही इशारों में कह दिया कि अगर भारत ने अमेरिका की मांग पूरी नहीं की तो भारत को इसका नतीजा भुगतना पड़ सकता है. बता दें, कुछ समय पहले सरकार ने इस दवा के निर्यात पर पाबंदी सख्त कर दी थी. देश में बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए ये फैसला लिया गया था ताकी देश में जरूरी दवा की कमी न हो. सरकार ने विशेष आर्थिक क्षेत्रों (सेज) की इकाइयों को भी रोक के दायरे में शामिल कर लिया था.