डीएम के आदेश पत्र को री-एडिट करने के प्रकरण में बैकफुट, डीएम ने उठाई आरोपियों की माफी की मांग
REPORT:-LALIT PANDIT/NOIDA
बीते रविवार को डीएम के आदेश पत्र को री-एडिट कर वायरल करने वाले प्रकरण में पुलिस प्रशासन बैकफुट पर आ गया है। पहले डीएम के आदेश पर नोएडा थाना 20 पुलिस ने 420, 419, 500 सहित आईटी एक्ट 66 में मुकद्दमा पंजीकृत करके दोनों नाबालिकों को गिरफ्तार कर बाल सुधार गृह भेज दिया था, लेकिन नाबालिकों के साथी छात्र छात्राओं द्वारा कल डीएम ऑफिस के बाहर बैठकर कान पकड़कर माफ़ी मांगने के साथ परिजनों द्वारा डीएम व पुलिस से गुहार लगाने पर आईओ ने जांच कर कोर्ट में केस डायरी पेश की.
धारा 420, 419, 500 को ड्राप करते हुए बताया कि इन धाराओं जैसा कोई अपराध नहीं पाया गया अपनी मौज मस्ती के चलते ही अपने दोस्तों को इन्होने मैसेज वायरल किया था। जिसके आधार पर कोर्ट में 2 जनवरी तक इन्ट्रप्ट वेल की मंजूरी दे दी है. साथ ही परीक्षा ख़त्म होने के साथ 3 जनवरी को फिर से कोर्ट में पेश होने की बात कही है। हालांकि कि आईटी एक्ट 66 के तहत इनके खिलाफ कोर्ट आगे की सुनवाई करेगा।
आपको बता दें कि बीते रविवार को डीएम के नाम से 23 और 24 दिसंबर को स्कूल बंद करने का फर्जी आदेश सोशल मीडिया पर जारी करने वाले सेक्टर-12 स्थित राजकीय इंटर कॉलेज के दो छात्रों को पुलिस ने गिरफ्तार कियाऔर धारा 420, 419, 500 सहित आईटी एक्ट 66 में मुकद्दमा पंजीकृत करके दोनों नाबालिकों को बाल सुधार गृह भेज दिया था। जिसके बाद अपने साथियो को छुड़ाने के लिए अपने हाथों से कान पकड़कर डीएम कैंप कार्यालय के सामने बैठकर छात्रो ने माफ़ी मांगी थी साथ ही परिजनों ने डीएम और पुलिस ने उन्हें माफ़ करने की गुहार लगाई थी।
इस मामले में आज आइओ द्वारा जांच कर पेश की गई केस डायरी को कोर्ट द्वारा पढ़ते हुए साथ ही बच्चो की परीक्षा और भविष्य को देखते हुए कोर्ट ने 2 जनवरी तक इंट्रप्ट वेल की मंजूरी देदी साथ ही 3 जनवरी को फिर से दोनो नाबालिकों को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा। वही आपको बता दें कि नोएडा बाल सम्रेशन ग्रह के अधीक्षक ने किशोर न्यायालय बोर्ड को पत्र लिखा था जिसमें बच्चों को कल यानी 26 दिसम्बर से शुरू होने वाली प्री-बोर्ड की परीक्षा में बैठेने की अनुमति मांगी जिसके बाद जेजेवी ने बच्चों के भविष्य को देखते अनुमति दी थी। वही इस मामले में जब हमने सुप्रीम कोर्ट के वकील से बात की तो बताया कि पुलिस ने किस आधार पर धारा 419, 420 और 500 को लगा दिया ये समझ नहीं आता जबकि ऐसा कोई इन्होने क्राइम नहीं किया है।
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वही डीएम की माने तो हमारे पूर्व आदेश को री एडिट कर वायरल किया गया था जिसके सम्बन्ध में नॉएडा पुलिस ने हमारे आदेश पर मुकद्दमा पंजीकृत किया और 12 से 14 घंटे में वायरल करने वाले दो नाबालिकों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था जिस सबंध में आज दोनों को जुनायल जस्टिस बोर्ड से बेल मिल गई है। वो जाकर अपनी परीक्षा दें। डीएम ने बताया कि आईटी ने कुछ अच्छी चीजें की है वही इसका मिसयूज भी हो रहा है।
चाहे अपनी पर्सनल लाइफ या सोशल मीडिया पर गलत तथ्य रखकर बरगलाने के लिए इस पर कानून अपना काम न करें तो अपराधों को रोकना मुश्किल हो जाएगा। जिसके उद्देश्य से तत्काल कार्यवाही इस मामले में की गई। वही डीएम ने अपील की स्कूल, कॉलेज व अन्य जगह पर इस बारे में जानकारों को जानकारी देनी चाहिए, कि किस हद तक आप आईटी का उपयोग कर सकते है। और क्यों आईटी का उपयोग नहीं होना चाहिए। और अगर ऐसा कोई करता हुआ पाया गया तो पुलिस तत्काल प्रभाव से अपनी कार्यवाही करेगी। इसलिए सबसे अपील की कि इसका कोई भी आदमी मिसयूज न करें।