डीआरडीओ ने मिसाइल ‘नाग’ का किया सफल परीक्षण

डीआरडीओनई दिल्ली। थर्ड जेनरेशन एंटी टैंक मिसाइल ‘नाग’ का जैसलमेर की पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) ने मंगलवार को सफल परीक्षण किया है। मिसाइल का परीक्षण तीन-चार दिन चलने की संभावना है। दागो और भूल जाओ श्रेणी की तीसरी पीढ़ी की टैंक भेदी मिसाइल एडवांस्‍ड इमेजिंग इंफ्रारेड रडार से लैस है।

डीआरडीओ की बड़ी उपलब्धि

पाक सीमा के पास पोखरण फायरिंग रेंज में इस मिसाइल का परीक्षण महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस अत्याधुनिक मिसाइल के परीक्षण के मौके पर डीआरडीओ, रक्षा प्रयोगशाला (जोधपुर) के वैज्ञानिक, शस्त्र बलों के वरिष्ठ अधिकारी तथा अन्य लोग उपस्थित थे।

रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार जी सतीश रेड्डी ने कहा कि इस सफल परीक्षण से देश की रक्षा क्षमताओं को मजबूती मिलेगी। डीआरडीओ के प्रमुख डॉक्टर क्रिस्टोफर ने मिशन का हिस्सा रही टीम को बधाई दी।

सैन्य सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस मिसाइल प्रोजेक्ट की लगात 350 करोड़ रुपए से अधिक है। अब परीक्षण में मिसाइल में उच्च क्षमता के उपकरण लगाए गए हैं। यह अधिक गर्मी में भी मिसाइल को दिशा नहीं भटकने देंगे।

पिछले वर्ष बीकानेर फायरिंग क्षेत्र में इसी मिसाइल का परीक्षण किया गया था, लेकिन उस दौरान उच्च तापमान में मिसाइल के परीक्षण में कुछ तकनीकी खामियां सामने आयी थीं। पिछले वर्ष मिसाइल की मारक क्षमता चार किलो मीटर रखी गयी थी, लेकिन इस बार तीन किलो मीटर रखी गयी है।

दो हफ्ते पहले किया था पृथ्वी-2 मिसाइल का सफल प्रायोगिक परीक्षण 

भारत ने देश में निर्मित एवं परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम पृथ्वी-2 मिसाइल का ओडिशा में एक परीक्षण रेंज से दो हफ्ते पहले सफल प्रायोगिक परीक्षण किया था.यह सतह से सतह पर मार करने में सक्षम और 350 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली मिसाइल थी।

पृथ्वी-2 मिसाइल 500 किलोग्राम से 1000 किलोग्राम वजनी आयुध ले जाने में सक्षम है। यह दो इंजनों से संचालित होती है। यह अपने लक्ष्य को सटीकता से निशाना बनाने के लिए अत्याधुनिक प्रणाली का इस्तेमाल करती है। इससे पहले 21 नवंबर 2016 को इसी जगह से दो पृथ्वी 2 मिसाइलों का एक के बाद एक परीक्षण किया गया था. इस नौ मीटर लंबी मिसाइल को वर्ष 2003 में भारतीय सशस्त्र बल में शामिल किया गया था।

LIVE TV