डिब्बाबंद जूस से कर लें तौबा, सेहत पर पड़ेगा उलटा असर

इनमें फाइबर नहीं होता। बहुत अधिक मात्रा में चीनी होती है। इनके सेवन से ज्यादा कैलोरी मिलती है, जिससे वजन बढ़ने की आशंका रहती है।डिब्बाबंद जूस में सौ फीसदी फलों का रस नहीं होता। इनमें घर में निकाले गए जूस की तुलना में कई गुण गायब होते हैं।

डिब्बाबंद जूस

कभी-कभार इन्हें पीना तो ठीक है, लेकिन आदत में शुमार करना सेहत के लिए सही नहीं है। विशेषज्ञ भी मानते हैं कि प्राकृतिक फल और सब्जियों की तुलना में डिब्बाबंद जूस को लेने से वजन बढ़ता है। प्राकृतिक फलों में कृत्रिम रंग नहीं मिला होता, लेकिन डिब्बाबंद जूस में कृत्रिम रंगों का प्रयोग किया जाता है, जो शरीर के लिए बहुत ज्यादा हानिकारक होते हैं। कुछ फलों में सॉर्बिटॉल जैसी शुगर मौजूद होती है, जो आसानी से पचती नहीं।

ऐसे फलों के डिब्बाबंद जूस के सेवन से पेट से जुड़ी समस्याएं सामने आ सकती हैं। नाशपाती, स्वीट चेरी और सेब सरीखे कुछ फलों में ऐसी ही शुगर मौजूद होती है। ऐसे में इन फलों के डिब्बाबंद जूस पीने से गैस अथवा डायरिया की समस्या भी देखने में आती है।

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डायबिटीज के मरीजों को तो डिब्बाबंद जूस बिल्कुल नहीं पीना चाहिए। दरअसल, ये जूस रिफाइंड शुगर से बने होते हैं, जो डायबिटिक लोगों के लिए ठीक नहीं होते। मीठे फल और गाजर या चुकंदर जैसे हाई-शुगर वेजिटेबल्स जूस के रूप में ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ा देते हैं।

डिब्बाबंद जूस में फलों के छिलके का सत्व नहीं होता, इसलिए शरीर को प्राकृतिक फाइबर नहीं मिल पाते। साबुत फल और सब्जियों को पचाने में शरीर को जितना समय मिलता है, उससे कहीं कम समय में शरीर जूस को अवशोषित कर लेता है। इसकी वजह से ब्लड शुगर का स्तर भी तुरंत बढ़ जाता है।

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