अब डिजिटल मुद्रा से करें खरीदारी या भुगतान

डिजिटल मुद्रानई दिल्ली: इंटरनेट बैंकिंग या क्रेडिट कार्ड भुगतान की तर्ज पर अब आप डिजिटल मुद्रा ‘बिटक्वोइन’ से भी अपने मोबाइल या डीटीएच बिल का भुगतान कर सकते हैं।

डिजिटल मुद्रा का बढ़ा क्रेज

बिटक्वोइन मोबाइल एप आधारित प्लेटफार्म ‘जेबपे’ के सह-संस्थापक संदीप गोयनका ने कहा, “जेबपे पर बिटक्वॉइन का उपयोग कर मोबाइल फोन बिल भुगतान करने वालों और ऑनलाइन खरीदारी के लिए वाउचर खरीदने वालों की संख्या बढ़ रही है। गत महीने उपयोगकर्ताओं ने बिटक्वॉइन का उपयोग कर 15 लाख रुपये से अधिक का बिल भुगतान किया। यह संख्या हर महीने दोगुनी हो रही है।”

बिटक्वॉइन एक डिजिटल मुद्रा है, जिसे किसी सरकार या संवैधानिक प्राधिकार ने नहीं बनाया है। इसका निर्माण इनक्रिप्टेड प्रौद्योगिकी से किया गया है। इसका असीमित विभाजन हो सकता है। इसलिए इससे काफी छोटी राशि का भी भुगतान किया जा सकता है।

डिजिटल मुद्रा बिटक्वॉइन की वैश्विक आपूर्ति सीमित है, क्योंकि इसके संस्थापक ने सिर्फ 2.1 करोड़ बिटक्वोइन ही बनाए हैं, जिसने खुद को सार्वजनिक नहीं किया है। बिटक्वॉइन का न तो कोई मालिक है और न ही इस पर किसी का नियंत्रण है। इसका सभी उपयोग कर सकते हैं।

गोयनका ने कहा कि इस साल के अंत तक जेबपे ब्रॉडबैंड, बिजली और लैंडलाइन फोन बिल के भुगतान तक अपनी सेवा का विस्तार करना चाहती है। भारत में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बिटक्वॉइन को निगरानी के तहत रखा है, लेकिन न तो इस पर रोक है और न ही यह नियमित है।

गोयनका ने कहा, “अनियमित होने का मतलब यह नहीं है कि यह अवैध है। इसका मतलब यह है कि इस नई प्रौद्योगिकी के लिए कोई विशेष कानून नहीं बना है। सभी वर्तमान कानून के तहत बिटक्वोइन खरीदना और बेचना वैध है।”

अभी सिर्फ अमेरिका के न्यूयॉर्क प्रांत ने ही बिटक्वोइन की ट्रेडिंग के लिए लाइसेंस देना शुरू किया है। न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज का एक आधिकारिक बिटक्वोइन सूचकांक है। रूस ने हालांकि बिटक्वोइन को अवैध घोषित कर रखा है।

अभी एक बिटक्वोइन की कीमत करीब 30 हजार रुपये है और यह मूल्य गत एक साल में 100 फीसदी बढ़ा है। यह मूल्य मांग और आपूर्ति पर निर्भर करती है। बिटक्वोइन एक्सचेंज मूल्यों का प्रकाशन करता है, जो अंतर्राष्ट्रीय दर, तरलता और व्यापार के रुझानों पर निर्भर करता है।

बिटक्वॉइन की माइनिंग करने के लिए शक्तिशाली कंप्यूटर की जरूरत होती है। बिटक्वोइन को कंप्यूटर के डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है। यदि आप कंप्यूटर खो देते हैं, तो आप बिटक्वोइन भी खो देते हैं।

व्यापारिक कंपनियां एक फीसदी से भी कम कमीशन पर बिटक्वोइन से बिल भुगतान की सुविधा देती हैं।

बिटक्वॉइन की एक ट्रेड प्लेटफार्म ‘क्वोइनसेक्योर’ ने कहा कि इस साल के अंत तक वह एक सेवा शुरू करने जा रही है, जो उपयोगकर्ताओं को बिटक्वोइन में ही ऑनलाइन खरीदारी की सुविधा देगी।

क्वोइनसेक्योर के सैमुएल ने कहा, “हम बिटक्वोइन स्वीकार करने के लिए सेवा प्रदाताओं से बात कर रहे हैं। कई ऑनलाइन सेवा प्रदाता, ई-कॉमर्स कंपनियां और स्टार्ट-अप तैयार हैं।”

बिटक्वॉइन के एक ट्रेड एक्सचेंज प्लेटफार्म बीटीसीएक्सइंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कामेश मुप्पाराजू ने आईएएनएस से कहा, “फ्लिपकार्ट और ओला भी पहले नियमित नहीं थीं। हाल ही में सरकार ने ई-कॉमर्स को नियमित किया है और मार्केटप्लेस को पारिभाषित किया है। हम भी एक मार्केटप्लेस हैं।”

देश में बिटक्वॉइन की लोकप्रियता काफी तेजी से बढ़ रही है। अपने संचालन के पहले ही साल जेबपे का कुल कारोबार 100 करोड़ रुपये पार कर गया। वहीं बीसीटीएक्सइंडिया का कारोबार 2014-15 में चार करोड़ रुपये था, जो 2015-16 में बढ़कर 70 करोड़ रुपये हो गया।

गोयनका ने कहा कि चीन में भी बिटक्वॉइन अनियमित है, लेकिन वहां हर रोज बिटक्वॉइन में 10 हजार करोड़ रुपये मूल्य का व्यापार होता है। भारत में यह अभी सालाना करीब 500 करोड़ रुपये है।

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