खाताधारकों के लिए खुशखबरी, फ्रॉड हुआ तो बैंक चुकाएगी पैसे
नई दिल्ली। केंद्र सरकार डिजिटल इंडिया अभियान को व्यापक स्तर पर बढ़ाने के लिए कई ठोस कदम उठा रही है। जिसमें डिजिटल बैंकिंग अहम भूमिका निभायी है। नोटबंदी के बाद ऑनलाइन बैंकिंग में जैसी गति देखने को मिली वैसी पिछले पांच साल में नहीं दिखी। जितनी तेज गति से डिजिटल ट्रांजैक्शन हो रहे हैं उतनी ही तेज गति से डिजिटल बैंक फ्रॉड भी बढ़ रहे हैं। इससे अपने ग्राहकों को बचाने के लिए बैंक ने अहम कदम उठाया है। बैंकों ने अपने ऑनलाइन ग्राहकों की जानकारियों की सुरक्षा और ऑनलाइन धोखाधड़ी बचाने के लिए कुछ शर्ते रखी हैं। जिसके चलते आप होने वाले नुकसान से बच सकते हैं।
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आइए आपको बताते हैं कि बैंकों ने डिजिटल बैंक फ्रॉड पर किस तरह की राहत दी है–
डिजिटल बैंक फ्रॉड पर ग्राहकों को बड़ी राहत मिली है। अब आपको अपने साथ हुए किसी डिजिटल फ्रॉड के बारे में 3 दिन के भीतर बैंक को बताना होगा। बैंक फ्रॉड की रकम की भरपाई करेंगे। अगर 4 से 7 दिन में जानकारी दी तो पूरी भरपाई नहीं होगी। बैंक सिर्फ 25,000 रुपये तक की भरपाई करेंगे। 7 दिन के बाद जानकारी देने पर भरपाई बैंक पर निर्भर करेगी।
जानकारों का कहना है कि साइबर फ्रॉड से बचने के लिए ऑनलाइन भुगतान करते वक्त वेबसाइट पर पीसीआई-डीएसएस का सर्टिफिकेट देखें।
मोबाइल ऐप से भुगतान के वक्त पेसेक का लोगो देखें। पेसेक के लोगों पर क्लिक करने से वैधता सर्टिफिकेट दिखेगा। अनजान व्यक्ति के ई-मेल में आए लिंक और अटैचमेंट को ना खोलें।
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सिस्टम, मोबाइल में एंटी वायरस, स्पैम फिल्टर, एंटी स्पायवेयर लगाएं। अपने अकाउंट बैलेंस को नियमित रूप से देखते रहें।
बता दें डिजिटल ट्रांजैक्शन का ट्रैंड तेज़ी से बढ़ने के बाद से इसमें सेंध लगाने का भी काम तेज़ी पकड़ लिया हैं। जिसको रोकने के लिए बैंकों ने ऐसी गाइडलाइन दी हैं।