गजब : छात्र ने ट्रेन में रच दिया इतिहास, Whatsapp की मदद से कराई डिलीवरी

ट्रेन पर महिला की डिलीवरीडॉक्टर को भगवान का दूसरा रूप कहते हैं. डॉक्टर ही हैं जो बीमार इंसान की जिंदगी को बेहतर बना सकते हैं. डॉक्टर की ड्यूटी कभी खत्म नहीं होती है. वह हमेशा ऑन ड्यूटी रहते हैं. अपने पेशे का फर्ज किसी भी परिस्थिति में अदा करते हैं. ऐसा ही एक वाकया ट्रेन में हुआ, जहां ट्रेन पर महिला की डिलीवरी एमबीबीएस कर रहे एक स्टूडेंट ने करवाई.

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अहमदाबाद-पुरी एक्सप्रेस में एमबीबीएस फाइनल इयर के स्टूडेंट विपिन खडसे ने ट्रेन में प्रसव कराया. युवा डॉक्टर ने सीनियर्स से वॉट्सऐप पर मिले निर्देशों को फॉलो करते हुए ट्रेन में ही महिला की डिलीवरी कराई. मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं. महिला ने लड़के को जन्म दिया.

विपिन खडसे अभी डॉक्टर नहीं बने हैं लेकिन मुसीबत के वक्त उन्होंने प्रसव पीड़ा से गुजर रही महिला की मदद की. ‘ चित्रलेखा और उनके पति ट्रेन में अहमदाबाद में चढ़े थे, जहां दोनों मजदूरी का काम करते हैं.

ट्रेन पर महिला की डिलीवरी की दास्तां

विपिन नागपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज ऐंड हॉस्पिटल में एमबीबीएस के लास्ट इयर के  स्टूडेंट है. ट्रेन में सफर के दौरान 24 साल की चित्रलेखा को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई, जिसकी जानकारी विपिन को हुई. विपिन ने कहा, ‘नागपुर से 30 किमी दूर ट्रेन थी जब महिला के परिजनों ने चेन खींचकर ट्रेन रोकने की कोशिश की ताकि किसी अस्पताल में ले जाया जा सके.’

विपिन ने गार्ड और टिकट कलेक्टर को एक राउंड ट्रेन में घूमते देखा कि किसी डॉक्टर की मदद मिल जाए.

विपिन ने कहा, ‘मैं चुप रहा क्योंकि मुझे लगा कि कोई न कोई डॉक्टर जरूर मदद करेगा, लेकिन जब गार्ड और टीसी दूसरी बार भी घूमते दिखे तो मैंने उन्हें मदद का ऑफर दिया.’

जब विपिन डिलीवरी कराने पहुंचे चित्रलेखा बहुत दर्द में थीं. महिला की मदद के लिए लोगों ने कंपार्टमेंट को खाली कर दिया था. वहां मौजूद अन्य महिलाओं ने मदद की. विपिन के लिए यह डिलीवरी बहुत मुश्किल थी. बच्चे के सिर की जगह कंधे बाहर की तरफ निकल रहे थे. उसके बाद विपिन ने डॉक्टरों के वॉट्सऐप ग्रुप पर तस्वीर डाली ताकि सीनियर डॉक्टरों से मदद ले सकें.

विपिन ने कहा, ‘सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर शिखा मलिक ने मेरी मदद की. उन्होंने फोन पर मुझे निर्देश दिए जिसको मैं फॉलो करता रहा. महिला के शरीर से बह रहे खून को रोकने के लिए मुझे ठंडी पानी की बोतल का इस्तेमाल करना पड़ा. मैंने ट्रेन में सफर कर रही एक बुजुर्ग महिला  से भी कुछ मदद ली.’

विपिन के लिए यह डिलीवरी बेहद खास है. वह एक सर्जन बनना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि किसी भी डॉक्टर को प्रसव पीड़ा के वक्त मदद जरुर करनी चाहिए.

इसके बाद नागपुर स्टेशन की टीम सूचना पाकर घटनास्थल पर पहुंच गई. रेलवे की महिला डॉक्टर की टीम ने आगे की स्थिति को पूरी तरह से संभाल लिया. साथ ही महिला को सफर की परमिशन भी दे दी गई.

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