टाटा समूह को जगुआर-लैंड रोवर बेचना चाह रहा हैं अपनी हिस्सेदारी , BMW से शुरू हुई बातचीत…

कारों की लिस्ट में सबसे महंगी कार जगुआर को मानी जाती हैं| वहां देखा जाए तो हमेशा जगुआर और BMW में टक्कर रहती हैं| जहां बड़े से बड़े बिजनेसमैन के पास ये गाड़ियां आपको आसानी से दिखेगी|

 

 

 

खबरों की माने तो टाटा समूह जल्द ही अपनी लग्जरी कार कंपनी जगुआर-लैंड रोवर (जेएलआर) में हिस्सेदारी को घटा देगा। अपनी हिस्सेदारी को बेचने के लिए उसने जर्मन कार निर्माता कंपनी बीएमडब्ल्यू और चीन की कंपनी जिली से बातचीत शुरू कर दी है। वहीं ये अलग बात है कि टाटा समूह को ब्रिटेन स्थित जगुआर और लैंड रोवर (जेएलआर) में लगातार घाटा होते जा रहा है|

 

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जहां टाटा समूह इन दोनों कंपनियों के खर्चों में कमी करना चाहता है। साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों पर भारी निवेश होने की वजह से वो ऐसा करने जा रहे है। हालांकि अभी बातचीत की शुरुआती दौर में ही, जिसके बारे में फैसला लेने में समय लग सकता है।

 

 

वहीं जिली का कहना हैं कि टाटा या फिर जेएलआर से इस बारे में किसी तरह की कोई बातचीत नहीं हुई है| टाटा समूह को इन दोनों कंपनियों का संचालन करने से  2789 लाख करोड़ रुपये (390 करोड़ डॉलर) का नुकसान हुआ है। चीनी कंपनी से अगर करार होता है तो फिर जेएलआर को फायदा होने की आशंका है।

 

दरअसल अगर बीएमडब्ल्यू से बातचीत सफल होती है तो फिर कंपनी को इंजन को विकसित करने एवं इलेक्ट्रिक गाड़ियों के निर्माण में आसानी होगी। जगुआर लैंड रोवर का नुकसान इस साल के पहले ही तीन महीने  में 39.5 करोड़ पाउंड (34 अरब रुपये) हो गया है। विश्व भर में जेएलआर की कंपनी ने खर्चों को कम करने के लिए 4500 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता भी दिखाया है|

 

कंपनी ने इसी साल जेएलआर में करीब 2.5 बिलियन पाउंड का निवेश किया था। कंपनी ने कहा है कि इस बड़े घाटे से इस वित्त वर्ष में उसकी कमाई पर असर पड़ेगा और यह नुकसानदायक हो सकता है। टाटा मोटर्स की स्वामित्व वाली इस कंपनी में ब्रिटेन में 40 हजार से अधिक लोग काम करते हैं।

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