टाटा मोटर्स को हुआ 28 हजार करोड़ का घाटा, शेयरों की कीमत में आई गिरावट !…

वाहन बनाने वाली घरेलू कंपनी टाटा मोटर्स को पूरे वित्त वर्ष 2018-19 में 28,724.20 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध घाटा हुआ है, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष में कंपनी को 9,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का मुनाफा हुआ था. कंपनी का एकीकृत शुद्ध लाभ 31 मार्च को समाप्त चौथी तिमाही में 49 प्रतिशत घटकर 1,108.66 करोड़ रुपये रहा.

मुख्य रूप से आमदनी घटने तथा ब्रिटिश इकाई जगुआर लैंड रोवर के कारोबार से जुड़े कुछ विशेष प्रावधान करने की वजह से उसका मुनाफा घटा है. इस नतीजे के बाद मंगलवार को टाटा मोटर्स के शेयरों की कीमत में गिरावट देखी गई है.

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक टाटा मोटर्स के मुख्य वित्त अधिकारी पी बी बालाजी ने पत्रकारों से कहा, ‘तीसरी तिमाही में घाटे के बाद चौथी तिमाही में हम फिर मुनाफे में आए हैं. पुनरोद्धार 2.0 ने घरेलू कारोबार की दृष्टि से हमारे लिए बेहतर परिणाम दिया है.’

कंपनी ने एक बयान में बताया, ‘वित्त वर्ष 2018-19 में कंपनी को 28,724.20 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध घाटा हुआ है, जबकि इससे पहले के वित्त वर्ष में 9,091.36 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था.

कंपनी की कुल आय आलोच्य वित्त वर्ष में 3,04,903.71 करोड़ रुपये रही, जो इससे पूर्व वित्त वर्ष 2017-18 में 2,96,298.23 करोड़ रुपये थी. एकल आधार पर 2018-19 में कंपनी का शुद्ध लाभ 2,398.93 करोड़ रुपये रहा, जबकि इससे पूर्व वित्त वर्ष में उसे 946.92 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था.’

बयान में कहा गया है, ‘कंपनी का एकीकृत शुद्ध लाभ 31 मार्च को समाप्त चौथी तिमाही में 49 प्रतिशत घटकर 1,108.66 करोड़ रुपये रहा. इससे पिछले वित्त वर्ष 2017-18 की इसी तिमाही में कंपनी ने 2,175.16 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध लाभ कमाया था.

आलोच्य तिमाही में कंपनी की कुल एकीकृत आय 87,285.64 करोड़ रुपये रही जो एक साल पहले 2017-18 की चौथी तिमाही में 91,643.44 करोड़ रुपये थी. इस तरह कंपनी की आय 4.75 प्रतिशत घटी.’

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कंपनी के अनुसार, तिमाही के दौरान जेएलआर ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति कार्यक्रम चलाया जिसके लिए 1,367.22 करोड़ रुपये के खर्च का विशेष प्रावधान करना पड़ा, जबकि इसमें मुख्य रूप से 27,837.91 करोड़ रुपये के निवेश के नुकसान का बड़ा हाथ है.

टाटा मोटर्स के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा, ‘बाजार की चुनौती के बीच हमारा घरेलू कारोबार टिकाऊ रहा है. हमने इनोवेशन की गति को तेज किया है और अपनी बाजार हिस्सेदारी तथा मुनाफे को बढ़ाया है.

हमारी टर्नअराउंड 2.0 रणनीति भी ठीक काम कर रही है और मुझे भरोसा है कि लॉन्ग टर्म सफलता के लिहाज से हमारा कारोबार जम रहा है. जेएलआर के मामले में हमें चीन में लगातार चुनौती मिल रही है, जिससे हम प्राथमिकता से निपट रहे हैं.’

गौरतलब है कि ऑटो सेक्टर के हालात ठीक नहीं हैं. देश में अप्रैल महीने में ऑटो सेल्स में आठ साल की सबसे बड़ी गिरावट देखी गई है. देश में पैसेंजर व्हीकल यानी यात्री वाहन की बिक्री में अप्रैल महीने में 17 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है.

यह अक्टूबर 2011 के बाद से अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है. अक्टूबर 2011 में बिक्री में 19.87 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी.

सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक यात्री वाहनों की घरेलू बाजार में बिक्री अप्रैल 2019 में 17.07 फीसदी गिरकर 2,47,541 इकाई रही.

 

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