जीसएटी दर में हो 1-2 फीसदी की वृद्धि, उपकर न रखा जाए

जीएसटीनई दिल्ली| उपकर का विरोध करते हुए देश की अग्रणी वाणिज्यिक संस्था एसोचैम ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को चिट्ठी लिखकर प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर में 1-2 फीसदी की वृद्धि करने का सुझाव दिया है, ताकि जीएसटी प्रणाली अपनाने के कारण राज्य राजस्व में होने वाले नुकसान की भरपाई कर सकें। एसोचैम के महासचिव डी. एस. रावत ने पिछले सप्ताह जेटली को भेजे पत्र में कहा, “राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए उपकर लगाने का विचार व्यावहारिक प्रतीत नहीं होता। राजस्व के घाटे की भरपाई के लिए उपकर लगाने की बजाय जीएसटी दर में एक से दो फीसदी की वृद्धि की जा सकती है।”

जीएसटी परिषद की अगली बैठक जेटली की अध्यक्षता में 3 और चार नवंबर को होनी है।

पिछली तीन बैठकों में कर ढांचे के सबसे अहम मुद्दे पर किसी निर्णय पर नहीं पहुंचा जा सका है और जेटली ने पिछली बार कहा था कि इसे चार स्तरों का रखा जा सकता है, जिसके तहत न्यूनतम दर छह फीसदी और अधिकतम दर 26 फीसदी रखे जाने का प्रस्ताव है।

इसमें दैनिक जरूरत की चीजों पर न्यूनतम कर और ऐश्वर्य के सामान पर अधिकतम कर रखे जाने का प्रस्ताव है।

LIVE TV