घंटे की आवाज के साथ पीएम मोदी ने देश को दी GST की सौगात

जीएसटी लांचनई दिल्ली। लंबे समय की चर्चा और वाद-विवाद के बाद शुक्रवार रात 12 बजे देश को जीएसटी की सौगात मिली। कार्यक्रम का शुभारम्भ राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने घंटा बजाकर किया। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घंटे की आवाज के साथ ऐप के जरिए जीएसटी लांच किया। एक देश, एक बाजार और एक टैक्स के साथ केंद्र सरकार भारत के उज्जवल भविष्य की कामना कर रही है। इस मौके पर जीएसटी पर आधारित एक शॉर्ट फिल्म भी दिखाई गई। इस फिल्म में नई कर नीति के फायदों के बारे में विस्तार से बताया गया।

नोटबंदी के बाद अब जीएसटी को सरकार का बड़ा क्रांतिकारी कदम बताया जा रहा है। संसद में राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। इस मौके पर वित्तमंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी का परिचय देते हुए कार्यक्रम का संबोधन किया। जेटली के बाद पीएम मोदी ने देश में जीएसटी से आने वाले परिवर्तनों के विषय पर चर्चा की।

भारत का वर्तमान कर-ढांचा बहुत ही जटिल है। भारतीय संविधान के अनुसार मुख्य रूप से वस्तुओं की बिक्री पर कर लगाने का अधिकार राज्य सरकार और वस्तुओं के उत्पादन व सेवाओं पर कर लगाने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है।

इस कारण देश में अलग-अलग तरह प्रकार के कर लागू है, जिससे देश की वर्तमान कर व्यवस्था बहुत ही जटिल है। कंपनियों और छोटे व्यवसायों के लिए विभिन्न प्रकार के कर कानूनों का पालन करना एक मुश्किल होता है। जिससे इनमे बदलाव करना जरुरी हो गया था।

जीएसटी से लगाये जाने वाले कर की जटिलता भी कम हो जाएगी। लेकिन इसके परिणाम एक दिन में नहीं आएंगे जिसके लिए लंबे वक़्त का इंतजार करना पड़ेगा।

जीएसटी लांच

क्या है जीएसटी

जीएसटी भारत के कर ढांचें में सुधार का एक बहुत बड़ा कदम है। वस्तु एंव सेवा कर एक अप्रत्यक्ष कर कानून है। जीएसटी लागू होने से पूरा देश, एकीकृत बाजार में तब्दील हो जाएगा। सरल शब्दों में कहा जाए तो जीएसटी के लागू होने से हर सामान और सेवा पर सिर्फ एक टैक्स लगेगा यानी वैट, एक्साइज और सर्विस टैक्स की जगह एक ही टैक्स लगेगा। ज्यादातर अप्रत्यक्ष कर जैसे केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर वैट, मनोरंजन, लॉटरी टैक्स आदि जीएसटी में समाहित हो जाएंगे। इससे पूरे भारत में एक ही प्रकार का अप्रत्यक्ष कर लगेगा।

जीएसटी से देश की आम जनता को लाभ

जीएसटी लागू होने पर सबसे ज्यादा फायदा आम आदमी को है। क्योंकि तब चीजें पूरे देश में एक ही रेट पर मिलेंगी, चाहे किसी भी राज्य से खरीदें। रोज़मर्रा के जीवन में इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुएं गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स लागू होने के बाद इनके दामों में बड़ा बदलाव हो सकता हैं।

अप्रत्यक्ष करों का भार अंतिम उपभोक्ता को ही वहन करना पड़ता है। वर्तमान में एक ही वस्तुओं पर विभिन्न प्रकार के अलग अलग टैक्स लगते है लेकिन जीएसटी आने से सभी वस्तुओं और सेवाओं पर एक ही प्रकार का टैक्स लगेगा जिससे वस्तुओं की लागत में कमी आएगी। हालांकि इससे सेवाओं की लागत बढ़ जाएगी।

दूसरा सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह होगा कि पूरे भारत में एक ही रेट से टैक्स लगेगा जिससे सभी राज्यों में वस्तुओं और सेवाओं की कीमत एक जैसी होगी। जीएसटी लागू होने से केंद्रीय सेल्स टैक्स (सीएसटी), जीएसटी में समाहित हो जाएगा जिससे वस्तुओं की कीमतों में कमी आएगी।

जीएसटी लागू होते ही केंद्र को मिलने वाली एक्साइड ड्यूटी, सर्विस टैक्स सब खत्म हो जाएंगे। राज्य सरकार द्वारा लिए जाने वाला वैट, एंटरटेनमेंट टैक्स, लग्जरी टैक्स लॉटरी टैक्स एंट्री टैक्स, चुंगी आदि सभी तरह के स्टेट टैक्स खत्म हो जाएंगे।

कंपनियों को लाभ

जीएसटी लागू होने पर कंपनियों का झंझट और खर्च भी कम होगा। व्यापारियों को सामान एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में कोई दिक्कत नहीं होगी। अलग-अलग टैक्स नहीं चुकाना पड़ेगा तो सामान बनाने की लागत घटेगी, इससे सामान सस्ता होने की उम्मीद भी है।

जीएसटी आने के बाद टैक्स ढांचा एकदम समान होगा और पूरी तरह पारदर्शी होगा जिससे टैक्स विवाद नहीं होंगे और ढेरों टैक्स कानून और टैक्स नियामकों (रेगुलेटरों) का झंझट नहीं रहेगा। इससे एक ही संस्था, कंपनी, व्यक्ति पर कई बार टैक्स लगाने की दिक्कत खत्म हो जाएगी।

राज्यों को भी होगा लाभ

राज्यों को डर ये था कि उनकी कमाई कम हो जाएगी। खासकर पेट्रोल डीजल से तो कई राज्यों का आधा बजट चलता है। तो वो राहत केंद्र ने राज्यों को दे दी उनपर अभी जो टैक्स राज्य ले रहे हैं, वो शुरुआती बरसों में लेते रहें। और राज्यों का जो नुकसान होगा उसकी भरपाई पांच साल तक केंद्र सरकार करेगी। इसके अलावा जीएसटी से जो टैक्स मिलेगा, वो केंद्र और राज्य में एक तय हिसाब से बंटेगा।

टैक्स चोरी पर लगेगी नकेल

जीएसटी के लागू होने के बाद टैक्स चोरी रुक जायेगी। इसका सीधा असर देश की जीडीपी पर पड़ेगा। लेनदेन या कर छुपाने पर पर जीएसटी बिल में नए प्रावधान रखे गए है जिसके तहत कर चोरी करने पर 5 साल की सजा और जुर्माना लगेगा। फिलहाल भारत देश में 20 तरह के टैक्स लगते हैं और जीएसटी के बाद सब टैक्स हटकर एक टैक्स लागू होगा।

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