
रिपोर्ट- आशीष सिंह
लखनऊ- राजधानी लखनऊ में असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की भरमार है। ये मजदूर सुबह से लेकर शाम तक कड़ी मेहनत करते हैं और तब जाकर अपने परिवार का पेट भर पाते हैं।
इन मजदूरों की जीवनशैली देखने के लिए लाइव टुडे की टीम राजधानी लखनऊ के उजरियांव गांव पहुंची।
यहां पर साफ-सफाई से लेकर तमाम तरह की अनियमितता देखने को मिली। यहां आज भी कई घरों परम्परागत ईंधन से भोजन पकाया जाता है। जिससे कई गम्भीर बीमारियों के होने का खतरा बना रहता है।
असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को लेकर एक बड़ा सवाल उठता है कि इन मजदूरों को सरकारी योजनाओं का कितना लाभ मिलता है। मामले को लेकर जब श्रमिकों की पड़ताल हुई तो पता चला कि उन्हें किसी भी योजना का कोई लाभ नही मिल रहा, क्योंकि न तो वह श्रम विभाग में पंजीकृत हैं और न ही सरकारी योजनाओं की जानकारी है।
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आपको बता दें कि विनिर्माण क्षेत्र में केवल लखनऊ मंडल में चार लाख से अधिक मजदूरों का पंजीकरण हुआ है। इसमें एक लाख से अधिक मजबूर लखनऊ जिले के हैं। मजदूरों की स्थिति को लेकर सहायक श्रम आयुक्त राधा मोहन तिवारी ने बताया कि विनिर्माण क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों को कई प्रकार की सुविधाएं मिलती हैं। इसके लिए असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को श्रम विभाग में पंजीकृत होना जरूरी है।