जिसके एक इशारे पर खामोश हो गई मुम्बई, आज वो खुद खामोश हो गया…

उस समय भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 को आंतरिक राजनीतिक गड़बड़‍ियों के चलते इमरजेंसी घोषित कर दी। उसी आधार पर भारतीय संविधान में सभी मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया।

राजनीतिक असंतुष्टों, अखबार के पत्रकारों और विपक्षी नेता, जिन्‍होंने इमरजेंसी का विरोध किया, उन सबको जेल हो गई। जॉर्ज भी उसका विरोध करने वालों में शामिल थे।

जिसके एक इशारे पर खामोश हो गई मुम्बई

उनके नाम पर भी वारेंट जारी हो गया। उससे बचने के लिए जॉर्ज अंडरग्राउंड हो गए। जब पुलिस उनको पकड़ पाने में असफल रही।

10 जून 1976 को फाइनली इनको कोलकाता में स्‍मगलिंग के जुर्म में गिरफ्तार कर लिया गया।

इसके साथ ही इनपर बड़ोदा डायनामाइट केस को भी आरोप लगाया गया। 21 मार्च 1977 में इमरजेंसी के बाद ताजा चुनाव कराए गए।

इस चुनाव में इंदिरा गांधी की पार्टी कांग्रेस को जनता पार्टी से भारी हार का सामना करना पड़ा।

अब जनता पार्टी अपनी पूरी ता‍कत में आ गई। इसका नेतृत्‍व कर रहे थे मोरारजी देसाई, जो भारत के पहले गैर-कांग्रेसी नेता हुए। जॉर्ज जेल से ही बिहार की मुजफ्फरपुर सीट से जीत गए। उस समय वह बड़ोदा धमाका केस में सजा काट रहे थे।

नहीं रहे पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस, 88 वर्ष की उम्र में निधन…

इसके बाद इन्‍हें इंडस्‍ट्रीज़ का यूनियन मिनस्टिर बना दिया गया।

इस पद पर रहकर इनकी IBM और कोका कोला जैसी अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कंपनियों की ओर से FERA (Foreign Exchange Regulation Act) को लागू करने को लेकर कड़ी टक्‍कर हुई।

FERA को इंदिरा गांधी के समय में शुरू किया गया था। यहां काफी लड़ाई के बाद इन्‍होंने इन दोनों कंपनियों के लिए भारत में रोक लगा दी।

LIVE TV