जाने भूकंप आने की असल वजह

दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में शुक्रवार की रात भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप की तीव्रता 6.1 थी और इसका केंद्र पंजाब का अमृतसर रहा। क्या आप जानते हैं कि भूकंप क्यों आता है और कैसे पता चलता है कि भूकंप की तीव्रता कितनी है। 

दुनिया भर में हर साल भूकंप के हजारों छोटे-बड़े झटके महसूस किए जाते हैं। पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है। यही नहीं उल्का के प्रभाव और ज्वालामुखी विस्फोट और माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग की वजह से भी भूकंप आते हैं।


भूकंप केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा। भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है।

LIVE TV