जानें वास्तु के अनुसार घर के साथ-साथ किस्मत को भी कैसे चमकाते हैं रंग

हमारे आस-पास मौजूद रंगों से व्यक्ति शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से प्रभावित होता है. वास्तुशास्त्र की नज़र से घर की सजावट में रंगों का उपयोग एक शक्तिशाली उपकरण है. सत्व, रजस व तमस गुणों से रंगों का गहरा संबंध होता है. आसमानी, हरे, सफ़ेद और अन्य हलके रंगों को असतित्व माना गया है. चटकते लाल, नारंगी और गुलाबी रंग रजस कहलाते हैं, जो इच्छाओं में वृद्धि करते हैं.

घर

क्यों न करें घर में इन रंगों का प्रयोग

घर की सजावट में तामसिक रंगों का तिरस्कार करना चाहिए. तामसिक रंग गहरे होते हैं. इनमें गहरे नीले, भूरे एवं काले रंग मुख्य होते हैं. ये रंग व्यक्ति को सुस्त और आलसी बनाते हैं. घर में सौहार्द वातावरण के लिए नम्र, हल्के और सात्विक रंगों का प्रयोग करना चाहिए.

कहां पर करें किस रंग का प्रयोग

हल्के नीले एवं हरे रंग को वास्तु में स्वास्थ्य के प्राकृतिक स्त्रोत के रूप में माना जाता है. ये रंग ठंडे और कोमल होते हैं. इनसे संयमित और शांतिमय विकंपन पैदा होता है. इन रंगों का प्रयोग घर के ड्राइंग रूम में करना सही रहेगा. वास्तु में बाथरूम में हल्के नीले रंग को शुभ माना जाता है.

करिश्मा कपूर की ये हॉट एंड स्टाइलिश तस्वीरें, आप को भी बना देंगी उनके ‘फैशन सेंस’ का दीवाना

सेहत के लिए शुभ है ऐसा रंग

पीला रंग व्यक्ति के स्नायु तंत्र को संतुलित और मस्तिष्क को सक्रिय रखता है. बैंगनी रंग को उत्साहवर्धक और अवसाद का नाश करने वाला माना जाता है. इसी कारण इसका उपयोग योग और साधना कक्ष या पूजा स्थल में शुभ होता है.

कमरे की छत पर कैसा रंग लगवाएँ

कमरे की छत सफ़ेद रंग से पेंट करने पर कमरे में अधिक ऊष्मा व प्रकाश रहेगा. वास्तु में इस रंग को अल्पजीवी माना जाता है. पूरे कमरे में सफ़ेद रंग नहीं किया जाना चाहिए. गुलाबी, लाल, नारंगी रंग आपसी संबंधों को सुदृढ़ बनाते है. शयन कक्ष में इन रंगों का प्रयोग लाभकारी सिद्ध होगा.

रसोईघर की दीवारों का रंग कैसा हो

घर के मुख्य द्वार के लिए रंग का चुनाव घर की दिशा के आधार पर किया जाना चाहिए. रसोईघर में भी लाल रंग शुभ फलों में वृद्धि करता है. ऐसा करने से सकारात्मक ऊर्जाओं में वृद्धि होगी एवं पर्यावरण सौहार्दपूर्ण बनेगा.

 

LIVE TV