जानिए 35 सरकारी कंपनियों की बिकेगी हिस्सेदारी, होगा जल्दी एसेट की लिस्ट बनाने का आदेश…

नई दिल्ली : वित्त मंत्रालय ने केंद्रीय लोक उपक्रमों (सीपीएसई) से ऐसी संपत्त‍ियों की सूची जल्द से जल्द तैयार करने को कहा है जिन्हें बेचा जा सकता हैं।  और साथ ही उन्हें इसके लिए संभावित निवेशकों तथा बोलीदाताओं से बात शुरू करने को भी कहा गया हैं। जहां जिसका इसका मकसद सार्वजनिक कंपनियों की गैर-प्रमुख एसेट को शीघ्रता से बेचकर नकदी जुटाना हैं।

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बता दें की एक अधिकारी  का कहना हैं की ऐसे सीपीएसई के पास विशेष उद्देशीय कोष के लिए नॉन-कोर एसेट को सुपुर्द कर देने अथवा नॉन-कोर एसेट की बिक्री से प्राप्त होने वाले लाभ को एक एस्क्रो खाते में स्थानांतरित करने का विकल्प होगा।

 

 

 

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वहीं फरवरी में मंत्रिमंडल के एक फैसले के बाद निवेश एवं सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएएम) ने इस हफ्ते की शुरुआत में सीपीएसई की नॉन-कोर एसेट के मौद्रीकरण और शत्रु संपत्तियों के मौद्रीकरण के लिए दिशा-निर्देश दिए थे।

लेकिन इन दिशानिर्देशों के अनुसार, वित्त मंत्री की अगुवाई वाले मंत्रियों की समिति द्वारा शिनाख्त की गई नॉन-कोर एसेट का मौद्रीकरण करने के लिए 12 महीने का समय होगा जिसमें विफल रहने पर वित्त मंत्रालय सीपीएसई को बजटीय आवंटन रोक सकता है।

दरअसल सीपीएसई की नॉन-कोर एसेट्स की बिक्री के माध्यम से प्राप्त राशि विनिवेश आय का हिस्सा बनेगी. सरकार ने पहले से ही रणनीतिक बिक्री के लिए लगभग 35- सीपीएसई की पहचान की है।

 

जहां इनमें एयर इंडिया, पवन हंस, बीईएमएल, स्कूटर्स इंडिया, भारत पंप कंप्रेशर्स, और प्रमुख इस्पात कंपनी- ‘सेल’ की भद्रावती, सलेम और दुर्गापुर इकाइयां शामिल हैं। जिन अन्य सीपीएसई के एकमुश्त बिक्री के लिए मंजूरी दी गई है, उसमें हिंदुस्तान फ्लोरोकार्बन, हिंदुस्तान न्यूजप्रिंट, एचएलएल लाइफ केयर, सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स, ब्रिज ऐंड रूफ इंडिया, एनएमडीसी का नागरनार इस्पात संयंत्र और सीमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और आईटीडीसी की इकाइयां शामिल हैं।

 

लेकिन क क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) को बिक्री के समय बेहतर प्राप्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सभी परिसंपत्तियों की उचित देखभाल सुनिश्चित करने के लिए कहा गया हैं।

 

रणनीतिक विनिवेश की प्रक्रिया से गुजर रहे एयर इंडिया के मामले में सरकार ने पहले से ही एक विशेष उद्देशीय कोष (एसपीवी) – एयर इंडिया एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड (एआईएएचएल) बनाया है।

 

सरकार ने एयर इंडिया के कुल 55,000 करोड़ रुपये के लोन में से 29,000 करोड़ रुपये के कर्ज को एआईएएचएल को ट्रांसफर कर दिया है।

इसके अलावा, गैर-कोर एसेट्स, पेंटिंग और कलाकृतियों के साथ ही साथ राष्ट्रीय विमानन कंपनी की अन्य गैर-परिचालन वाली संपत्तियों को भी एसपीवी को हस्तांतरित कर दिया जाएगा।

वहीं सरकार ने चालू वित्त वर्ष में सीपीएसई विनिवेश के जरिये 90,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है, जो पिछले वित्त वर्ष में 85,000 करोड़ रुपये था।

 

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