जानिए 3 डॉलर प्रति बैरल सस्ता हुआ कच्चा तेल , इससे क्या पेट्रोल-डीजल के दामों में आई कमी…

घरेलू वायदा बाजार में भी कच्चे तेल का दाम 200 रुपये प्रति बैरल से ज्यादा गिरा है. जहां ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि क्या सरकार इसका फायदा कंज्यूमर्स को देगी? यह सवाल इसलिए उठता है क्योंकि पिछले महीनों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे में बढ़त के नाम पर ही पेट्रोल-डीजल की कीमतों में काफी बढ़त हो चुकी है.

 

 

बतादें की विदेशी बाजार में कच्चे तेल के दाम में इस सप्ताह बीते दिनों के दौरान तकरीबन तीन डॉलर की नरमी आई है. पिछले सप्ताह के आखिर में बेंट क्रूड का भाव 66.72 डॉलर प्रति बैरल था, जबकि अमेरिकी क्रूड (WTI) का भाव पिछले सप्ताह 60.21 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ था.

 

4G से ज्यादा तेज हैं 5G नेटवर्क , जाने इंडिया में कब से हो रहा हैं शुरू…

जहां इस हफ्ते की शुरुआत में 15 जुलाई को ब्रेंट क्रूड ऑयल का भाव 66.54 डॉलर प्रति बैरल था, जो गुरुवार यानी 18 जुलाई को घटकर 63.80 डॉलर प्रति बैरल के आसपास पहुंच गया.

देखा जाए तो पिछले सप्ताह के आखिरी सत्र में शुक्रवार को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर कच्चे तेल का जुलाई वायदा अनुबंध 4,138 रुपये प्रति बैरल पर बंद हुआ था, लेकिन इस सप्ताह पिछले सत्र में बुधवार को कच्चे तेल का भाव एमसीएक्स पर 3,916 रुपये प्रति बैरल पर बंद हुआ.

खबरों के मुताबिक इंडियन बॉस्‍केट में क्रूड के दाम जून महीने में 62.39 डॉलर प्रति बैरल थे. भारतीय बास्‍केट का मतलब उस कीमत से है, जिस पर भारत क्रूड ऑयल खरीदता है. इसे ब्रेंट क्रूड और ओमान-दुबई की एवरेज कीमत के आधार पर तय किया जाता है. तो जुलाई महीने के बॉस्केट रेट आने के बाद ही कीमत में बड़ी कटौती का कोई निर्णय लिया जा सकता है.

दरअसल अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की ऊंची कीमतों का बोझ लगातार ग्राहकों पर डाला जाता रहा है, लेकिन जब तेल की कीमतों में नरमी आती है तो तेल कंपनियां दाम नहीं घटातीं. लोकसभा चुनाव के पहले पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़त पर रोक जरूर लगाई गई थी, लेकिन चुनाव होते ही फिर इनमें अच्छी बढ़त कर दी गई.

वहीं एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट (एनर्जी व करेंसी रिसर्च) अनुज गुप्ता ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया हैं कि सप्ताह की शुरुआत में अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक वार्ता को लेकर बनी अनिश्चितता को लेकर कच्चे तेल में नरमी रही, क्योंकि चीन दुनिया में कच्चे तेल का एक बड़ा आयातक है. इसके बाद अमेरिका में गैसोलीन के भंडार में काफी इजाफा होने से कच्चे तेल के दाम में गिरावट आई है.

 

 

LIVE TV