जानिए सूरत दमकल विभाग के पास 22 मंजिल तक पहुंचने वाली सीढ़ी लेकिन आखिर क्यों नही पहुंची उस दिन…

नई दिल्ली : सूरत के कोचिंग इंस्टिट्यूट में हुई आगजनी के बाद से प्रशासन निशाने पर है. इस हादसे में 22 नौजवानों की मौत हुई थी. मामले की जांच कर रहे अधिकारी ने सोमवार को माना कि दमकल कर्मियों के पास 4 मंजिल तक चढ़ने के लिए लंबी सीढ़ी नहीं थी. दी इंडियन एक्स्प्रेस में छपी ख़बर के मुताबिक मुख्यमंत्री विजय रुपाणी को शुरुआती जांच रिपोर्ट सौंपने के बाद शहरी विकास विभाग के प्रिंसपल सेक्रटरी मुकेश पुरी ने प्रशासन की कमी की ओर इशारा किया.

 

दमकल

पुरी ने कहा,

 

 

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“आलोचना सही है. सीढ़ी चौथी मंजिल तक नहीं पहुंच सकी. इस सीढ़ी का डिजाइन पूरे देश में एक सा होता है. इस सीढ़ी की उंचाई 10.5 मीटर होती है, जबकि बिल्डिंग (तक्षशिला कॉम्पलेक्स, जहां आगजनी हुई) 13.5- 14 मीटर ऊंची थी. इसलिए सीढ़ी सिर्फ तीसरी मंजिल तक ही पहुंच पाई.”

पुरी ने हाइड्रॉलिक दमकल गाड़ियों के बारे में भी जानकारी दी. उनके मुताबिक सूरत दमकल विभाग के पास दो हाइड्रॉलिक दमकल गाडियां हैं. एक 55 मीटर तक पहुंच सकती है. और दूसरी 70 मीटर की उंचाई तक पहुंच सकती है. यानी क़रीब 20 से 22 वीं मंजिल तक.

पुरी ने कहा,

“हाइड्रॉलिक दमकल गाड़ी को आग लगने का संदेश देरी से पहुंचा था. जबिक छोटी गाड़ियों तक मैसेज जल्दी पहुंचा था. जब तक हाइड्रॉलिक गाड़ी पहुंचती, नुकसान हो चुका था.”

दरअसल इस हादसे के बाद गुजरात सरकार हरकत में आई. सरकार के निर्देशों के मुताबिक जिन कमर्शियल कॉम्प्लेक्सेज़ में सुरक्षा उपकरण नहीं हैं, उनपर तत्काल सख़्त कार्रवाई की जा रही है.

 

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