जानिए सर्दियों में दिल को कैसे रहेंगे तंदुरुस्त

यूं तो सर्दियों का मौसम स्वास्थ्य के लिए बेहतर माना जाता है, लेकिन हृदय रोगियों के लिए इस मौसम में थोड़ा ज्यादा सावधान रहने की जरूरत होती है। हृदय रोगियों के लिए सर्दियां कई गंभीर परेशानियां पैदा कर सकती है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के एक रिसर्च के मुताबिक गर्मियों के मुकाबले सर्दियों में हार्ट अटैक और स्ट्रोक से होने वाली मौत के मामले 26 से 36 प्रतिशत तक बढ़ जाते हैं। शोधकर्ता मानते हैं कि सर्दियों में फ्लू भी काफी तेजी से फैलता है। इसलिये यदि आप इन सर्दियों अपने दिल को दुरुस्त रखना चाहते हैं तो कुछ स्वास्थ्य संकल्प (हेल्थ रेज़ोल्यूशन) अवश्य लें। तो चलिये जानें क्या होने चाहिये ये संकल्प –

जानिए सर्दियों में दिल को कैसे रहेंगे तंदुरुस्त

क्यों होता है सर्दियों में हृदय को अधिक जोख़िंम
सर्दियों में दिन छोटे होते हैं और अक्सर इस मौसम में लोग अवसाद या तनाव का भी अधिक शिकार हो जाते हैं। व्यायाम करने की आदत और खान-पान को लेकर बरती जाने वाली सावधानी भी ठंड के चलते कम होने लगती है। कुल मिलाकर ये सभी कारण सर्दियों में हमारे दिल को काफी संवेदनशील बना देते हैं। इसके अलावा ठंड में खून का दौरा (ब्लड सर्कुलेशन) भी कम हो जाता हैं, जिस कारण रक्त धमनियां सिकुड़ जाती हैं। जिस वज़ह से दिल के मरीजों में हार्ट अटैक की आशंका भी बढ़ जाती है।

 

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रोज़ाना थोड़ा बहुत शारीरिक व्यायाम अवश्य करें
सुबह कड़ाके की ठंड के कारण आमतौर पर लोग व्यायाम करने या अन्य शारीरिक गतिविधियों से कतराते हैं। वहीं सर्दियों में लोग बहुत ज्यादा भी खाते हैं। अधिक कैलौरीयुक्त खाद्य पदर्थों के सेवन के परिणामस्वरूप लोगों का वजन बढ़ता है और उनके कोलेस्ट्रॉल और ब्लडप्रेशर में वृद्धि होती हैं। ये सभी स्थितियां दिल की सेहत के लिए हानिकारक हैं। इस लिए ‘रूल ऑफ फॉर’ के अनुसार एक्सरासइज़ करनी चाहिए। इस रूल के अनुसार हृदय रोगियों को सप्ताह में चार दिन में कुल चालीस मिनट में चार किमी तेज चाल से चलना होता है। लेकिन व्यायाम का समय थोड़ा आगे कर देना चाहिये ताकि ठंड थोड़ी कम हो जाए।

पर्याप्‍त गरम कपड़े पहनेंगे
सर्दि थोड़ी कम हो जाने पर भी अपने शरीर को गरम कपड़ों से ढ़क कर रखें। अपने नाक और मुंह को मफलर से बांध कर रखें जिससे शरीर में सीधी ठंड हवा न घुस पाए। कोहरे में अगर बाहर जाना पड़े तो हमेशा ठीक तरह से गरम कपड़े पहनकर जाएं। दिल के रोगियों के लिए टहलना बहुत लाभदायक होता है। तो वॉक पर जाते समय या एक्सरसाइझ के समय ठीक प्रकार से गरम कपड़े पहनें।

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नियमित रूप से जांच कराएंगे
सीने में संक्रमण होने, दमा या ब्रॉन्काइटिस होने की स्थिति में शीघ्र ही डॉक्टर से परामर्श लें। क्योंकि हृदय रोगियों के मुकाबले दूसरे लोगों के लिए सीने में संक्रमण की स्थिति उतनी समस्या पैदा नहीं करती, (खासकर उन रोगियों के लिए जिनके हृदय की मांसपेशियां कमजोर हो चुकी हैं), उन्हें अधिक सावधान रहना चाहिये। साथ ही यदि सांस लेने में किसी तरह की कठिनाई हो, पैरों में सूजन हो और तेजी से वजन बढ़ता महसूस हो, तो डॉक्टर से तत्काल सलाह लें। डाइबिटीज से पीड़ित या फिर जिनके हृदय की मांसपेशियां कमजोर हैं, उन लोगों को इन्फ्लूएंजा व न्यूमोनिया के संक्रमण से बचने के लिए डॉक्टर से परामर्श कर वैक्सीनें लगवानी चाहिए। साथ ही नियमित रूप से ब्लडप्रेशर की जांच करें।

धूम्रपान से रहेंगे दूर
धूम्रपान का दुष्प्रभाव न केवल कोरोनरी में होता है, बल्कि दिमाग की धमनियों व शरीर की अन्य धमनियों मे भी साफ तौर पर दिखाई देता है। जिसके चलते केवल हृदय रोग ही नहीं बल्कि कई अन्य रोगों का ख़तरा बढ़ जाता है। सिगरेट से निकलने वाले धुएं में करीब 4000 जहरीले पदार्थ होते हैं। जिनमें निकोटीन, कार्बन मोनोक्साइड, अमोनिया, बेंजीन, नाइट्रोबेंजीन, फिनाल, हाइड्रोजन साइनाइड, टूलीन आदि प्रमुख हैं। जिसमें से निकोटीन सीधी असर हमारे शरीर में दो हारमोन एड्रीनेलीन एवं नार एड्रीनेलीन को बढ़ावा देता है। जिनके कारण हृदय गति बढ़ जाती है और हमारा रक्त चाप भी बढ़ता है, जिससे हृदय गति में कई अनियमितता भी पैदा होने लगती है।

खान-पान का ध्यान रखेंगे
जमने वाली चिकनाई, अंडा, मांस, मद्य और धूम्रपान हृदय स्वास्थ्य के लिए घातक होते हैं। इसलिये सर्दियों के उपहार जैसे, हरी सब्जियों, चटक रंग के फलों, मूंगफली एंव सूखे मेवों का लुफ्त उठाएं। हार्ट-हेल्‍दी एंटीऑक्‍सीडेंट्स से भरपूर चीज़े खाएं। चाय-कॉफी का सेवन कम से कम करें। जितना हो सके पानी पिएं। बादाम और पिस्ते का सेवन हृदय रोगियों के लिए लाभदायक है। ग्रीन टी भी उनके लिए फायदेमंद होती है।

यदि संतुलित व पौष्टिक आहार लिया जाए व व्यायाम किया जाए तो व्यक्ति दिल के रोगों से बचा जा सकता है। साथ ही रेशेदार आहार, तेजगति से सुबह की सैर, प्राणायाम और ध्यान से व्यक्ति स्वस्थ बना रहेगा और उसको हृदय संबंधी समस्या नहीं हो सकती। इसके अलावा लहसुन, एलोवेरा, मट्ठा, भीगे हुए बादाम तथा खट्टे फल भी उपयोगी होते हैं। लेकिन ज्यादा नमक का सेवन विष समान होता है।

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