जानिए शरीर के इन अंगों की साफ-सफाई करते वक्त कहीं आप तो नहीं करते ये बड़ी गलतियां….

चुनावी यात्रा चल रही है. लखनऊ में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से बातचीत की. उन्होंने कई सवालों के रोचक जवाब दिए. हम आपको इस इंटरव्यू के चुनिंदा सवाल-जवाब पढ़वा रहे हैं.

लड़कियां

 

डिंपल ने तो बहनजी के पांव छूए, लेकिन बहनजी के भतीजे ने मैनपुरी में नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के पांव नहीं छुए? मंच पर कौन किसके पांव छू रहा है. क्या ये कार्यकर्ताओं के बीच मुद्दा होता है? किसी को सम्मान देने की बात बहुत बड़ा मुद्दा नहीं है. डिंपल मेरी पत्नी हैं. मायावतीजी ने डिंपल को बहू कहा. अगर बहू ने पैर छूए हैं तो इसमें कोई गलत नहीं है.

 

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शिवपाल यादव का कहना है कि अखिलेश को घमंड हो गया है? मैं घमंड तो नहीं करता. हां ये ज़रूर मेरी कमी है कि अगर कोई बात मुझे सही लगती है, किसी सिद्धांत पर मुझे स्टैंड लेना है तो मैं स्टैंड ले लेता हूं. हो सकता है ये मेरी कमी हो, मैं अपने आपको बहुत फ्लेक्सिबल रखता हूं.

 

दो अखिलेश यादव नजर आते हैं. एक अखिलेश यादव जिनके पास विजन है. एक्सप्रेसवे बनाते हैं, विकास के काम करते हैं, लेकिन दूसरे अखिलेश यादव हैं, मंच पर गायत्री प्रजापति जिनके पांव छूते हैं, खनन की बात होती है, कुछ लोग नई सपा के नए नारे के साथ मैच होते नहीं दिखते हैं, जिनके ऊपर गंभीर इल्जाम हैं. ये वाला अखिलेश यादव मजबूत है या वो वाला अखिलेश यादव मजबूर है.

समाजवादी पार्टी के वर्कर के बीच कोई कंफ्यूजन नहीं है. एक्सप्रेसवे से अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, लेकिन अगर कोई पार्टी में है जिस पर इल्जाम लगे हैं, उसे लेकर ये कह देना कि हम अपने सिद्धांत से हट गए हैं. विकास के रास्ते से हट गए हैं, सही नहीं होगा.

परसेप्शन बना है सपा की सरकार आती है तो मुस्लिमों का मन बढ़ जाता है. क्या नरेटिव में सपा के शीर्ष नेतृत्व में ये चिंता है कि ज़मीन पर अगर ये मैसेज जा रहा है तो क्यों जा रहा है. भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस के लोग ऐसा फैलाते हैं. धारणा से लड़ना मुश्किल है. लेकिन आज जनता जागरूक है. भारतीय जनता पार्टी को जनता समझ गई है कि ये झूठ फैलाने वाली पार्टी है. कोई भी नरेटिव बना लें, जनता बुनियादी सवालों पर वोट देने जा रही है. कन्नौज में सब लोग बोल रहे हैं कि  2014 में जो सुब्रत पाठक के साथ हुआ था, 2019 में इस बार इनके साथ हो रहा है.

 

दरअसल  सुब्रत पाठक के बारे में आप जानकारी कर लें, वो नफरत का बीज फैलाते हैं, उन्होंने हत्या कराई है वहां पर, उन्होंने हिन्दू मुसलमान के झगड़े कराए हैं. वही आरोप पुलिस ने उन पर लगाया था. और जो झगड़ा हुआ था कन्नौज में वह उन्हीं की देन है. उन्हीं की देन थी नफरत फैलाना. अगर भारतीय जनता पार्टी को ऐसे लोग पसंद हैं तो उन्हें मुबारकबाद.

 

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