जानिए अब OLA की सवारी करने उतरे रतन टाटा, इलेक्ट्रिक कारों की बढ़ सकती हैं संख्या…

टाटा संस के चेयरमैन एमेरीटस रतन टाटा अब ऐप बेस्ड कैब सेवा कंपनी ओला की सवारी करेंगे। टाटा ने कंपनी में बड़ा निवेश किया है। यह निवेश इलेक्ट्रिक कारों की संख्या बढ़ाने के लिए किया गया है।
ओला
बता दें की रतन टाटा ने यह निवेश व्यक्तिगत तौर पर किया है। हालांकि यह नहीं पता है कि टाटा ने कितना निवेश किया है। ओला ने बयान जारी करते हुए कहा कि टाटा के इस निवेश से कंपनी को भविष्य में काफी फायदा मिलने की उम्मीद है।
जहां रतन टाटा इससे पहले जुलाई 2015 में भी ओला कैब चलाने वाली कंपनी एएनआई टेक्नोलॉजी में निवेश किया था। ओला ने इस साल मार्च में इलेक्ट्रिक वाहन उतारने का फैसला किया था और 400 करोड़ रुपये की फंडिंग करने का प्लान किया था। टाटा ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन में ओला भविष्य में मुख्य भूमिका निभा सकती है।
वहीं ओला के सह संस्थापक और सीईओ भाविश अग्रवाल ने कहा कि कंपनी 2021 में अपनी 10 लाख इलेक्ट्रिक कैब को बाजार में उतारेगी। ओला ने नागपुर में सबसे पहले अपनी इलेक्ट्रिक कैब को उतारा था। इसके लिए बकायदा चार्जिंग स्टेशन भी बनाया था।

लेकिन देखा जाये तो ओला अब देश में सेल्फ ड्राइव गाड़ियों को लांच करने जा रही है। इसके लिए कंपनी ने 50 करोड़ डॉलर निवेश करने का प्लान बनाया है। इसके लिए कंपनी देश के प्रमुख शहरों में जल्द ही पायलट योजना पर काम करना शुरू कर देगी।

वहीं ओला सेल्फ ड्राइव स्कीम के तहत 10 हजार गाड़ियों को उतारने जा रही है। इसके तहत एसयूवी, लग्जरी सेडान भी उतारी जाएंगी। कंपनी के एक प्रतिनिधि ने कहा है कि वो रेंटल, सब्सक्रिप्शन और कॉरपोरेट लीज के फॉर्मेट पर काम करेगी।
लेकिन कंपनी ने दिग्गज ऑटो कंपनियों ह्यूंडई और किया मोटर्स के साथ इसके लिए करार किया है। ओला इन कंपनियों की गाड़ियों को देश के टॉप पांच-सात मार्केट में उतारेगी। ह्यूंडई मोटर और किया मोटर्स ऑनलाइन टैक्सी बुकिंग सेवा देने वाली कंपनी ओला में 30 करोड़ डॉलर का निवेश करेंगी।

दरअसल, वैश्विक वाहन बाजार में अग्रणी भूमिका निभाने की रणनीति के लिए भारत प्रमुख बाजार है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए दोनों कंपनियों ने ओला में निवेश करने का फैसला किया है। यह दोनों कंपनियों का अब तक का सबसे बड़ा संयुक्त निवेश होगा।

जहां सेल्फ ड्राइव में फिलहाल जूम कार, ड्राइवईजी, माइल्स और रेव जैसी कंपनियां काम कर रही हैं। ओला अगर अपनी इस योजना पर अमलीजामा पहनाती है तो फिर यह इस क्षेत्र में सबसे बड़ी कंपनी हो जाएगी।

 

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