गृहमंत्री से लेकर पीएम मोदी तक सब हुए जम्मू-कश्मीर पुलिस की बहादुरी के कायल

जम्मू-कश्मीर पुलिसश्रीनगर। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को जम्मू एवं कश्मीर पुलिस की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर पुलिस की बहादुरी का वर्णन करने के लिए उनके पास शब्द नहीं हैं। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में जिला पुलिस लाइन में स्थानीय पुलिसकर्मियों के एक दरबार (सभा) में उन्होंने कहा, “आप बेहद मुश्किल हालात में अपना कर्तव्य निभा रहे हैं और प्रधानमंत्री ने भी आपकी सेवाओं व बहादुरी की प्रशंसा की है।”

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उन्होंने कहा, “आप जम्मू एवं कश्मीर के लोगों की सुरक्षा के लिए काम कर रहे हैं और आप का राजनीति से कोई लेनादेना नहीं है।”

उन्होंने कहा, “आतंकवादी सिर्फ आतंकवाद चाहते हैं, जबकि वे कश्मीर को जन्नत बनाने के लिए लड़ने का दावा करते हैं।”

राजनाथ सिंह ने कहा, “लेकिन, स्थानीय पुलिसकर्मी और सीआरपीएफ के जवान वास्तव में कश्मीर को वास्तविक जन्नत बनाना चाहते हैं।”

उन्होंने कहा कि राष्ट्र सदैव पुलिस सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) अब्दुल राशिद व कांस्टेबल इम्तियाज अहमद के बलिदान को याद रखेगा।

उन्होंने कहा, “मैं उनकी बेटी जोहरा का आंसू भरा चेहरा बर्दाश्त नहीं कर सकता।”

उन्होंने कहा, “बीते रोज एक अन्य पुलिस कर्मी इम्तियाज को आतंकवादियों ने मार दिया।”

उन्होंने कहा, “जम्मू एवं कश्मीर पुलिस के जवान कश्मीर, देश और कश्मीरियों के लिए बलिदान दे रहे हैं, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोग इसे समझने को तैयार नहीं हैं।”

इस साल 28 अगस्त को एएसआई राशिद अहमद को आतंकवादियों ने मार डाला, उस दौरान वह अपनी नियमित ड्यूटी पर तैनात थे।

कांस्टेबल इम्तियाज अहमद व दो अन्य पुलिस कर्मियों को शनिवार को अनंतनाग बस स्टैंड पर हिट एंड रन का शिकार बना मार दिया गया। इनमें अहमद की मौत हो गई।

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सिर्फ स्थानीय पुलिस ही कश्मीर में हालात को सामान्य कर सकती है।

उन्होंने फिर से कहा कि वह खुले दिमाग से किसी से भी मिलने के लिए यहां आए हैं। उन्होंने कहा, “मगर कश्मीर को दहशतगर्दी से निजात दिलाओ।”

उन्होंने कहा कि वह अकेले केंद्रीय गृहमंत्री हैं जो जम्मू एवं कश्मीर में हर साल चार बार दौरा करते हैं।

उन्होंने कहा, “हमने जम्मू एवं कश्मीर पुलिस कर्मियों के लिए बुलेट प्रूफ वाहन खरीदने और ट्रामा सेंटर खोलने के लिए राशि आवंटित की है।”

मंत्री के संबोधन के बाद एक सवाल-जवाब के सत्र का आयोजन किया गया।

उन्होंने अनंतनाग जिले के खानबल शिविर में सीआरपीएफ के जवानों को भी संबोधित किया।

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