जम्मू – कश्मीर के हालातों को देखते हुए महबूबा मुफ़्ती ने कहा – कश्मीर बचाने के लिए एकजुट हों सभी विपक्षी दल

एक बार फिर जम्मू – कश्मीर में गंभीर हालात पैदा हो गये हैं. वहीं मौजूदा हालत को देखते हुए राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती का कहना हैं की राज्य में सब ठीक है तो केंद्र की ओर से ऐसे आदेश क्यों दिए जा रहे हैं. जहां आखिर एनआईटी के छात्रों को जाने के लिए क्यों कहा गया.

 

 

बतादें की महबूबा मुफ्ती का कहना है कि कश्मीर की पहचान को बचाने के लिए सभी मुख्यधारा की पार्टियों को एकजुट होना चाहिए. दरअसल, सोशल मीडिया पर अफवाहें भरी पड़ी हैं कि अनुच्छेद 35ए को जल्द ही समाप्त करने की घोषणा होने वाली है. इसे देखते हुए जम्मू कश्मीर के नेताओं के अलग अलग बयान आ रहे हैं. एक दिन पहले ही सरकार ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए एडवाइजरी जारी की और अमरनाथ यात्रा को रोक दिया. जिसके बाद से ही जम्मू कश्मीर में टेंशन बनी हुई है.

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वहीं महबूबा मुफ्ती ने अनुच्छेद 35ए की रक्षा के लिए अपने धुर राजनीतिक विरोधी फारूक अब्दुल्ला से साथ देने का आग्रह किया है. महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को कहा कि उन्होंने प्रदेश के विशेष दर्जे की रक्षा के लिए फारूक अब्दुल्ला से सर्वदलीय बैठक बुलाने का आग्रह किया है.

महबूबा मुफ्ती ने एक ट्वीट के जरिए कहा, “हालिया घटनाक्रम से जम्मू-कश्मीर के लोगों में घबराहट पैदा हो गई है, इसलिए मैंने डॉ. अब्दुल्ला साहब से सर्वदलीय बैठक बुलाने का आग्रह किया है. एकजुटता के साथ जवाब देना वक्त की जरूरत है. हम कश्मीर के लोगों को एकजुट होने की जरूरत है.”

दरअसल केंद्र सरकार की ओर से संविधान के अनुच्छेद 35ए को समाप्त करने की योजना के संबंध में मीडिया रिपोर्ट आने के बाद पिछले कुछ दिनों से कश्मीर में काफी घबराहट की स्थिति है. अनुच्छेद 35ए के तहत कश्मीर में स्थाई निवासी की परिभाषा तय करने का अधिकार राज्य विधानसभा को दिया गया है.

 

 

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