चुनाव आयोग ने बड़बोलेपन पर योगी और माया को दी सजा !

डल कोड ऑफ कंडक्ट के उल्लंघन के मामले में चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बीएसपी प्रमुख मायावती के चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा दी है. योगी 72 घंटे यानी तीन दिन तक पार्टी का प्रचार नहीं कर पाएंगे.

वहीं मायावती 48 घंटे यानी दो दिन चुनाव प्रचार नहीं कर पाएंगी. चुनाव आयोग का यह फैसला 16 अप्रैल से लागू होगा. इस दौरान योगी आदित्यनाथ और मायावती ना तो कोई रैली को संबोधित कर पाएंगे, ना ही सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर पाएंगे और ना ही किसी को इंटरव्यू दे पाएंगे.

मायावती ने सहारपुर के देवबंद में मुस्लिम समाज से खुलेआम सपा,बसपा और आरएलडी गठबंधन को वोट देने की अपील की थी. वहीं योगी आदित्यनाथ ने मेरठ की एक रैली में कहा था कि अगर कांग्रेस,एसपी, बीएसपी को अली पर विश्वास है तो हमें भी बजरंग बली पर विश्वास है.

भारत: इस फिल्म के दौरान सलमान को बूढ़ा होते देखकर भी अच्छा लग रहा है…

मायावती ने कहा था,

वेस्टर्न यूपी में, खासकर सहारनपुर, मेरठ, मुरादाबाद और बरेली मंडल में मुस्लिम समाज की आबादी बहुत ज्यादा है. इस चुनाव में मुस्लिम समाज के लोगों को मैं सावधान करना चाहती हूं. आप लोगों को भी मालूम है कि पूरे उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी इस लायक नहीं है कि बीजेपी को टक्कर दे सके. गठबंधन ही इस लायक है कि वो बीजेपी को टक्कर दे सके. कांग्रेस ने ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिया है जिससे बीजेपी को फायदा पहुंचे. मैं मुस्लिम समाज के लोगों से कहना चाहती हूं कि सहारनपुर लोकसभा सीट पर हमने बहुत पहले अपने प्रत्याशी का टिकट फाइनल कर दिया था. कांग्रेस ने बाद में किया.

मायावती ने आगे कहा था,

मैं मुस्लिम समाज के लोगों से कहना चाहती हूं कि आप लोगों को अपना वोट बांटना नहीं है. आप लोगों को अपना वोट एकजुट होकर बीएसपी-सपा और आरएलडी के उम्मीदवार को देना है. मैं मुस्लिम समाज के लोगों से कहना चाहती हूं कि आप लोगों को भावनाओं में बहकर, यार दोस्तों के चक्कर में आकर वोट को बंटने नहीं देना है. बीजेपी को हराने के लिए अपना वोट गठबंधन के उम्मीदवार को देना है. मुस्लिम समाज के लोगों से मेरी यही अपील है.

मायावती के मुसलमानों से वोट मांगने को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्य चुनाव आयुक्त लक्कु वेंकटेश्वरलू ने स्थानीय प्रशासन से रिपोर्ट मांगी थी. 15 अप्रैल को दोनों नेताओं के लिए सजा का एलान किया.

हालांकि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मायावती के देवबंद रैली में दिए गए भाषण पर आपत्ति जताई थी. अदालत ने चुनाव आयोग को फटकार लगाई गई थी कि अब तक इस मामले में क्या कार्रवाई हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आयोग अभी तक सिर्फ नोटिस ही जारी कर रहा है, कोई सख्त एक्शन क्यों नहीं ले रहा है.

LIVE TV