चीन ने बैन किया एआई चैटबॉट CHATGPT, अमेरिकी सोच थोपने का लगाया आरोप

चीन में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से संचालित चैटबॉट- चैटजीपीटी पर सरकार लिया है। चीन की इंटरनेट कंपनियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने प्लेटफॉर्म पर चैटजीपीटी की सेवाओं को बन करदें। चीनी सरकार का आरोप है कि इस चैटबॉट की प्रोग्रामिंग अमेरीकी सोच और नज़रिया थोपने के लिए की गई है।

टेन्सेंट होल्डिंग्स और एंट ग्रुप जैसी कंपनियों को चैटजीपीटी का एक्सेस रोकने को कहा गया है। कंपनियों को साफ़ निर्देश दिया गया है कि वे ऐसे किसी तीसरे पक्ष को भी अपने प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल ना करने दें। चीन की कंपनियां खुद अपने चैटबॉट लॉन्च करने की तैयारी में हैं। लेकिन अब सरकार ने कहा है कि इन चैटबॉट्स को उपभोक्ताओं के लिए पेश करने से पहले उनकी सूचना सरकार को दी जाए।

चैटजीपीटी को अमेरिका की स्टार्टअप कंपनी ओपेन-एआई ने तीन महीने पहले लॉन्च किया था। इस कंपनी में माइक्रोसॉफ्ट का भी निवेश है। देखते-देखते चैटजीपीटी दुनिया भर में बेहद लोकप्रिय हो गया है। चीन में हालांकि आधिकारिक रूप से यह चैटबॉट अभी उपलब्ध नहीं है, लेकिन वीपीएन के जरिए बहुत से लोग इसका आसानी से उपयोग कर रहे हैं। इसी बीच इस चैटबॉट की नकल कर कई कंपनियों ने ऐसी ही सेवाएं देने वाले अपने एप या वेबसाइट लॉन्च कर दी हैं। टेन्सेंट कंपनी के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीचैट पर ऐसी सेवाएं उपलब्ध हुई हैं। ताजा सरकारी आदेश के बाद अब इन पर रोक लग जाएगी।

एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी दबाव के कारण टेन्सेंट ने इस तरह की बहुत सी सेवाएं रोक दी हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक चैटजीपीटी को लेकर चीन के सरकारी विभागों में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही थी। चीन के सरकारी अखबार चाइना डेली ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा था कि इस चैटबॉट के जरिए सरकार विरोधी सूचनाएं फैलाने वालों को मदद मिल सकती है। साथ ही वैश्विक घटनाओं को तोड़-मरोड़ कर पेश कर नैरेटिव्स को गलत ढंग से चीनी समाज में फैलाया जा सकता है।

चीन की [प्रमुख टेक कम्पनिया टेन्सेंट, अलीबाबा और बाइदू अपने चैटबॉट लाने की तैयारी में हैं। बाइदू अपने चैटबॉट को ‘अर्नी बॉट’ नाम से लाने की घोषणा पहले ही कर चूका है। चीन में लाए जाने वाले चैटबॉट्स की प्रोग्रामिंग अलग ढंग से होगी, इसलिए राजनीतिक सवालों के वे चीनी सरकार की नीति के मुताबिक जवाब देंगे।

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