
रिपोर्ट – नदीम सिद्द्की
मैनपुरी : एक तरफ जहां सरकारी चिकित्सालयों में मरीजों को देखभाल ठीक तरह से नहीं हो पा रही है | वहीं मरीजों को अच्छी सुविधा देने के लिए लोग प्राइवेट चिकित्सालयों का सहारा लेते हुए नजर आते हैं |
प्राइवेट चिकित्सालय मजबूर मरीजों के परिजनों से जमकर धन उगाही कर ने में पीछे नहीं हटते हैं | रही बात देखभाल की तो प्राइवेट चिकित्सक कोई डिप्लोमा ना होने के बावजूद भी ऑपरेशन कर देते और जमकर लापरवाही भी बरतते हैं|
जिन की लापरवाही के चलते मरीजों की मौत हो जाती है सब कुछ जानते हुए भी जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग मूकदर्शक बनकर महामंदी लेने में जुटा रहता है |
ताजा मामला जिला अस्पताल के ठीक सामने बने जीवन धारा हॉस्पिटल से सामने आया है जहां एक गर्भवती महिला की ऑपरेशन के दौरान मौत हो गई | जिसके बाद पूरा अस्पताल स्टाफ मृत महिला को उसके बच्चे को छोड़कर फरार हो गया|
जनपद के थाना बिछवा क्षेत्र के ग्राम अंजनी की रहने वाली एक नवविवाहिता सौम्या यादव 24 वर्ष का प्रसव होना था | गर्भवती विवाहिता के परिजन उसको जीवनधारा अस्पताल में लेकर आए |
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जहां परिजनों को अस्पताल में बेहतर सुविधाएं और मानकों के अनदेखी न करने के चलते गुमराह करके भर्ती कर लिया गया |
साथ ही गर्भवती महिला के परिजनों से मोटी रकम भी जमा करा ली गई और ऑपरेशन के लिए कागजों पर दस्तखत भी करा लिए गए | गर्भवती महिला के ऑपरेशन के दौरान ही मौत हो गई |
लेकिन नवजात शिशु बच गया जैसे ही गर्भवती महिला की मौत हुई वैसे ही आनन-फानन में पूरे अस्पतालकर्मी एक-एक करके फरार हो गए |
महिला की मौत की जानकारी जैसे ही परिजनों को हुई परिजनों ने यहां अस्पताल में हंगामा खड़ा कर दिया | घंटों तक यहां बवाल चलता रहा बवाल की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने भी कोई भी एक्शन नहीं लिया |
दबे जुबान लोगों का यह भी कहना था कि जीवन धारा अस्पताल एक ही लाइसेंस पर तीन जगह अस्पताल चला रहा है कुरावली में और मैनपुरी में दो जगह अस्पताल चला रहा है |
देखने वाली बात है कि इस जीवन धारा हॉस्पिटल के संचालक प्रमोद गुप्ता है जो अपने आप को हृदय रोग विशेषज्ञ बताते हैं | जिनकी डिग्री वास्तव में बीएमएस है और ज्ञान ना होते हुए भी जमकर ऑपरेशन कर रहे हैं |
देखने को मिला है कि ऑपरेशन के लिए अस्पताल के बैनर पर डॉक्टर नेहा शुक्ला का नाम लिखा हुआ है जबकि डॉ शुक्ला का विवाह लखनऊ निवासी एक चिकित्सक से 2 वर्ष पूर्व हो चुका है जो वहीं रहकर अपना निजी अस्पताल चला रही हैं |
वही सोचने वाली बात है के बैनर पर डॉक्टर दिलीप कुमार का नाम अंकित है जो आगरा में अपने निजी ख्याति हॉस्पिटल में प्रैक्टिस कर रहे हैं |
महिला रेखा का आरोप है के डॉक्टर की लापरवाही के चलते महिला की मौत हुई है यहां पर कोई महिला चिकित्सक मौजूद नहीं है | डॉक्टर ने स्वयं ही बड़ी लापरवाही से महिला की ऑपरेशन कर डिलीवरी की है और उसके गुप्तांग में हाथ डाल दिया है जिससे उसकी मौत हो गई |
वही कल्पना देवी का भी आरोप है की चिकित्सक ने ₹50000 में रखवाली और मरीज को पूरी सुविधा देने की बात कही थी | पर यहां पर कोई सुविधा नहीं थी फिर भी डॉक्टर ने ऑपरेशन कर दिया जिसके चलते मौत हो गई है |
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अशोक कुमार पांडे से बातचीत की तो उन्होंने कहा के इस जीवन धारा अस्पताल के विरुद्ध जांच करते हुए तत्काल कार्रवाई की जाएगी |