चाणक्य नीति

हे विद्वान् पुरुष! अपनी संपत्ति केवल पात्र को ही दे और दूसरो को कभी ना दे। जो जल बादल को समुद्र देता है वह बड़ा मीठा होता है। बादल वर्षा करके वह जल पृथ्वी के सभी चल अचल जीवो को देता है और फिर उसे समुद्र को लौटा देता है।

चाणक्य नीति

LIVE TV