चाणक्य नीति

परमेश्वर काठ, पत्थर या मिट्टी की मूर्ति में नहीं बसते हैं। वह तो मनुष्य की भावना में विद्यमान रहते हैं, अर्थात् मनुष्य की भावना के अनुसार ही प्रभु प्रकट होते हैं।

चाणक्य नीति

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