
नई दिल्ली : भाई-बहन के प्यार का पर्व रक्षाबन्धन सात अगस्त को है. इस दिन का सभी भाई-बहनों को इंतजार रहता है. लेकिन इस दिन चंद्रग्रहण का साया भी सभी लोगों पर रहेगा. लेकिन इसका असर कुंवारे लोगों के लिए अच्छा नहीं है.
भारत समेत यूरोप के ज्यादातर हिस्सों में, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, पूर्वी दक्षिण अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक, हिंद महासागर, अंटार्कटिका में ज्यादातर एरिया में होगा. इस ग्रहण की अवधि 5 घंटे एक मिनट होगी आंशिक ग्रहण की अवधि 1 घंटे, 55 मिनट है.
बारह साल बाद ऐसा संयोग बना है जब रक्षाबंधन के दिन चंद्रग्रहण पड़ रहा है. यह इस साल का दूसरा चंद्रग्रहण है. ऐसा माना जाता है कि चंद्रग्रहण कुंवारों के लिए अच्छा नहीं होता है क्योंकि सुंदरता का प्रतीक चंद्रमा श्रापित है और जो भी कुंवारा लड़का या लड़की उसे देखता है तो उसकी शादी या तो रूक जाती है या बहुत मुश्किलों से तय होती है. ग्रहण देखने वाले युवक-युवती अगर शादी हो भी जाती है तो भी उनके वैवाहिक जीवन में काफी कष्ट भी आते हैं.
चंद्रग्रहण से जुड़ी खास बातें
चंद्रग्रहण जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सरल रेखा में होते हैं. चंद्रग्रहण केवल पूर्णिमा को घटित हो सकता है. चंद्रग्रहण का प्रकार और अवधि चंद्रमा की स्थिति पर निर्भर करते हैं.
चंद्रग्रहण से आँखों को नहीं नुकसान
चंद्रग्रहण को बिना किसी स्पेशल चश्में के खुली आंखों से देख सकते हैं क्योंकि इससे आंखों को नुकसान नहीं होता.
एक साल में अधिकतम तीन बार पृथ्वी के उपछाया से चंद्रमा गुजरता है. सूर्यग्रहण की तरह ही चंद्रग्रहण भी आंशिक और पूर्ण हो सकता है.
ना करें ये काम
चन्द्रमा में कैंची का प्रयोग न करें.
फूलों को न तोड़े, बालों व कपड़ों को साफ न करें, दातुन या ब्रश न करें, गाय, भैंस व बकरी का दोहन न करें, भोजन न करें, कठोर शब्दों का प्रयोग न करें, स्त्री प्रसंग न करें, यात्रा न करें तथा शयन करना भी वर्जित माना गया है.