चीन-पाकिस्तान मिलकर भी न रोक पाए, अब उन्हीं की जमीन से भारत बनेगा मालामाल

ग्वादर बंदरगाहअश्काबाद: रूस की चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) का हिस्सा बनने की इच्छा जताने के मद्देनजर पाकिस्तान ने उसे निर्यात के लिए ग्वादर बंदरगाह का इस्तेमाल करने की मंजूरी देने का शनिवार को फैसला किया। रूस को ग्वादर बंदरगाह के इस्तेमाल की मंजूरी मिलना भारत के लिए भी फायदे सौदा है।

एक शीर्ष अधिकारी ने जियो न्यूज से कहा कि ईरान, तुर्कमेनिस्तान के बाद रूस ने व्यापार के लिए ग्वादर बंदरगाह का इस्तेमाल करने का फैसला किया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, अधिक से अधिक लाभ के लिए रूस ने भी सीपीईसी में शामिल होने की इच्छा जताई है। इसके अलावा, रूस ने पाकिस्तान के साथ रणनीतिक रक्षा संबंध विकसित करने की भी इच्छा जताई है। इस्लामाबाद ने रूस को व्यापार के लिए ग्वादर बंदरगाह का इस्तेमाल करनी की मंजूरी दे दी है।

प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा कि कई देश सीपीईसी में शामिल होना चाहते हैं, क्योंकि इस परियोजना से आधी दुनिया को लाभ होगा।

दक्षिण एशिया तथा मध्य एशिया के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए उन्होंने तुर्कमेनिस्तान-पाकिस्तान-अफगानिस्तान-भारत (तापी) के साथ 1,680 किलोमीटर लंबी गैस पाइपलाइन के किनारे रेलवे, सड़क व फाइबर ऑप्टिक केबल बिछाने की घोषणा कर चुके हैं, ताकि इस हिस्से में रहने वाले दुनिया की लगभग आधी आबादी को फायदा हो सके।

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