गोरखपुर में बनाया गया ईकॉम्फ्रेण्डली ताजिया, बनाने के लिए किया गेंहूँ का प्रयोग

रिपोर्ट-पंकज श्रीवास्तव/गोरखपुर

मोहर्रम में गोरखपुर में वैसे तो जगह जगह एक से बढ़कर एक ताजिया सजाई गई लेकिन यहां के साहब गंज इलाके के गुड़मंडी में सजी ईकॉम्फ्रेण्डली ताजिया लोगो की पहली पसंद बनी।

ये ताजिया गेहूं  से बनायी जाती है इसे बनाने वाले बताते है कि इस ताजिया की सबसे खास बात यह होती है कि इसका सांचा बनाने में लकड़ी और कपड़े का इस्तेमाल किया जाता है।

ईकॉम्फ्रेण्डली ताजिया

इसके बाद मोहर्रम की तीसरी की रात से चौथी तक यानी 24 घंटे में रोपाई की जाती है, और मोहर्रम के नवी की दोपहर में आवाम के दर्शन के लिए खोल दिया जाता है।

पीएम मोदी का मथुरा दौरा, कई योजनाओं का करेंगे शिलान्यास

ताजिया खुलते ही गेहूं की बाल लगभग 6 इंच बड़ी होकर तैयार हो जाती है। जो देखने में बेहद खूबसूरत लगती है और लोगों के आकर्षण का केंद्र है। ताजिया बनाने वाले शम्स आलम  ने बताया कि गेहूं की ताजिया वर्षों से बनाई जा रही है।

इसी खासियत की वजह से साहबगंज गुड़ मण्डी की ताजिया पूरे हिंदुस्तान में मशहूर है। गेहूं के बाल से बनी ताजिया हिंदू मुस्लिम एकता का प्रतीक है।

LIVE TV