गोरक्षकों से पार पाना होगा मुश्किल, मोदी के चहेते मुस्लिम मंत्री के एक्शन से उड़ी मुसलमानों की नींद

गोरक्षा समितिनई दिल्ली। केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शुक्रवार को कहा कि कथित तौर गोरक्षा समिति के सदस्यों द्वारा राजस्थान में एक व्यक्ति की हत्या किए जाने को धार्मिक दृष्टिकोण से नहीं देखा जाना चाहिए, क्योंकि ‘अपराधी सिर्फ अपराधी होते हैं।’ नकवी ने इस टिप्पणी से एक दिन पूर्व गुरुवार को इस घटना के घटित होने से ही इनकार कर दिया था।

विपक्ष ने राज्यसभा में हंगामे के बीच दूसरे दिन इस मुद्दे को उठाया। विपक्ष ने मामले को लेकर नकवी द्वारा गुरुवार को ‘सदन को गुमराह’ करने के लिए माफी मांगने की मांग की।

नकवी ने सदन को भरोसा दिलाया कि सोमवार को हुई इस घटना पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह बयान दे सकते हैं।

नकवी ने सदन से कहा, “एक अपराधी, हत्यारा या गुंडे को हिंदू या मुस्लिम के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। अपराधी सिर्फ अपराधी है।”

विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने ‘सदन को गुमराह करने’ के लिए नकवी से मांग की कि वह माफी मांगें। आजाद ने स्वंयभू गोरक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, जो गोरक्षा के नाम पर लोगों की हत्या कर रहे हैं।

कांग्रेस के सांसद सभापति के आसन के सामने इकट्ठा हो गए और स्थगन की मांग करने लगे। हालांकि उपसभापति पी.जे. कुरियन ने उनकी मांग खारिज कर दी।

आजाद ने कहा, “थप्पड़ मारने के लिए एक व्यक्ति को 14 दिन की रिमांड में भेज दिया जाता है। लेकिन राजस्थान के मामले में आरोपी को एक दिन बाद मुक्त कर दिया गया। सरकार को इस सदन को गंभीरता से लेना चाहिए।”

उन्होंने कहा, “यह राज्यसभा की स्थिति को कमजोर करने जैसा है। अलवर मामले को गुरुवार को उठाया गया था, गृहमंत्री को आज (शुक्रवार) सदन में आना चाहिए।”

अलवर के बेहरोर इलाके में कथित तौर पर स्वंयभू गोरक्षा समिति के लोगों ने शनिवार को गोशाला चलाने वाले पहलू खान पर हमला कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।

खान दो गायों और दो बछड़ों के साथ एक ट्रक से यात्रा कर रहे थे। हमलावरों ने कथित तौर पर खान पर गाय की तस्करी का आरोप लगाया। हालांकि उनके परिवार का कहना है कि वह अपने दुग्ध व्यवसाय के लिए जानवरों को ला रहे थे।

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