अभी-अभी : सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार को दिया आखिरी मौका, अब नहीं कर पाए इस पर फैसला तो फिर…
नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने जम्मू एवं कश्मीर में गैर मुस्लिमों को अल्पसंख्यक का दर्जा दिए जाने संबंधी एक याचिका पर फैसला लेने के लिए मंगलवार को केंद्र को तीन महीने का समय दिया। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे.एस. केहर, न्यायमूर्ति ए.के. गोयल और न्यायमूर्ति डी.वाय. चंद्रचूड़ की सदस्यता वाली पीठ ने केंद्र को इस मुद्दे पर फैसला लेने के लिए अंतिम मौका दिया। अदालत ने सरकार की इस गुजारिश पर यह फैसला सुनाया कि उसे इस मामले में राज्य सरकार और अन्य हितधारकों से विचार-विमर्श करने के लिए आठ सप्ताह के समय की जरूरत है।
अदालत अधिवक्ता अंकुर शर्मा द्वारा दायर की गई इस याचिका पर सुनवाई कर रही थी कि राज्य के बहुसंख्यक समुदाय यानी मुस्लिमों को अल्पसंख्यकों के लिए बनी केंद्रीय योजनाओं का लाभ नहीं उठाने दिया जाना चाहिए।
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शर्मा ने अदालत को बताया कि राज्य में मुस्लिम कुल आबादी का 68 प्रतिशत हैं और इस प्रकार वे राज्य में ‘अल्पसंख्यक’ नहीं हैं।
याचिकाकर्ता ने कहा कि अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री के 15 सूत्री दिशानिर्देश के तहत मिलने वाले लाभ राज्य के बहुसंख्यक वर्ग को नहीं दिए जाने चाहिए।
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शर्मा ने अदालत को बताया कि जम्मू एवं कश्मीर में कोई राज्य अल्पसंख्यक आयोग नहीं है।