गाजियाबाद के इस मुस्लिम परिवार से था अरुण जेटली का खास रिश्ता, पढ़िए पूरी खबर
रिपोर्ट- जावेद चौधरी/गाजियाबाद
उस वक्त अगर पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली नहीं होते तो शायद गाजियाबाद के वसुंधरा में एक अपार्टमेंट के बाहर बतौर दर्जी दुकान लगाने वाले शख्स के बच्चों के सर से पिता का साया उठ गया होता। आज भी वह दर्जी अरुण जेटली को याद करके भावुक हो उठता है।
पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन से गाज़ियाबाद के वसुंधरा में रहने वाले दर्जी मोहम्मद मुन्ना के घर में शनिवार रात चूल्हा नहीं जला। मुन्ना ने रुंधे गले से कहा कि जेटली साहब न होते तो उनके बच्चों के सिर से पिता का साया उठ जाता।
बच्चे और पत्नी दर-दर की ठोकरें खाते। जेटली साहब की ही देन है कि आज वह जिदा हैं और पत्नी और बच्चों के साथ खुशी-खुशी जीवन जी रहे हैं। इतना कहते-कहते मुन्ना कई बार भावुक भी हो जाते हैं।
मूल रूप से सहरसा बिहार के रहने वाले मोहम्मद मुन्ना यहां वसुंधरा सेक्टर-छह में परिवार के साथ रहते हैं। उनके चार लड़के और चार लड़कियां हैं। वह वसुंधरा सेक्टर-पांच स्थित पत्रकार परिसर सोसायटी के बाहर पुराने कपड़ों की सिलाई करते हैं।
उन्होंने बताया कि दिल की बीमारी की वजह से करीब 14 साल पहले उनकी बहुत ज्यादा तबियत खराब हो गई। उनके एक जानने वाले ने उनकी बीमारी के बारे में अरुण जेटली को अवगत कराया।
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अरुण जेटली ने एम्स में निशुल्क उनके उपचार की व्यवस्था कराई। एम्स में डॉक्टर के पास उन्हें भेजा गया, जहां उनके दिल का ऑपरेशन कर स्टेंट डाला गया। इससे उनकी जिदगी बच गई। मुन्ना के दोस्त भी मुन्ना की इस बात की तस्दीक करते हैं।
भले ही अरुण जेटली अब इस दुनिया में नहीं है लेकिन उनके चाहने वाले देश भर में हैं। जिनकी अरुण जेटली ने मदद की थी। यह लोग अरुण जेटली को ताउम्र याद करते रहेंगे।