अगर आप भी हैं प्रकृति के दीवाने और आपको भी प्रकृति के बीच रहना बहुत सुहाता है, तो हम आपको बंगलौर के कुछ ऐसे गावों के बारे में बताने जा रहें हैं जहां आप कंट्री के साथ-साथ पूरी तरह से प्राकृतिक वातावरण का भरपूर आनंद ले सकें। कुछ ऐसे स्थान जो आपके मन को निश्चित ही सुकून देंगे। जी हां, आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि बैंगलोर के आसपास के गांवों में आप कंट्री के साथ-साथ प्राकृतिक रूप से परिपूर्ण वातावरण का भी लाभ ले सकेंगे। इनमें से कुछ गांव अपनी सदियों पुरानी रीति-रिवाजों और परंपराओं के लिए भी लोकप्रिय हैं और कुछ अपनी खास वनस्पति एवं औषधियों की प्रचुरता के लिए प्रसिद्ध है। हालांकि, इन जगहों की सबसे खास बात ये है कि यहां पर प्रदूषण नहीं है और ये एकांत में स्थित हैं। तो चलिए जानते हैं बैंगलोर के आसपास के खूबसूरत गांवों के बारे।

नृत्याग्राम
बंगलौर से 35 किमी की दूरी पर स्थित इस गांव को डांस विलेज के नाम से भी जाना जाता है। नृत्याग्राम, भारत का पहला क्लासिकल डांसर्स का रेजिडेंशियल स्कूल है। इस गांव में दूर-दूर से लोग प्राचीन नृत्य कलाओं को सीखने आते हैं इस गांव को नृत्य कलाओं का केंद्र माना जाता है। यहां पर देशभर से कई नर्तक अपनी नृत्यकला को निखारने आते हैं। इनमें उड़ीसी से लेकर कथकली और भरतनाट्यम तक शामिल है। यहां से सीखकर नर्तक दुनियाभर में प्रस्तुति देते हैं। इसकी स्थापना 1990 में क्लासिकल डांसर प्रतिमा गौरी ने की थी। जिनका नाम क्लासिकल डांस में शुमार है। आज देश में क्लासिकल डांसर्स के लिए प्रतिष्ठित स्कूलों में नृत्याग्राम का नाम भी शामिल है। ये स्कूल एक गांव में स्थित है इसलिए ये पर्यटकों के बीच लोकप्रिय होता जा रहा है और हर साल इस गांव के प्राकृतिक सौंदर्य को देखने के लिए हज़ारों पर्यटक यहां आते हैं। बैंगलोर शहर से बस एक घंटा ड्राइव करके आप यहां पहुंच सकते हैं। यहां की हरियाली में आप अपने शरीर की सारी थकान को भूल जाएंगें। प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफर्स को भी ये जगह बहुत पसंद आती है।

किग्गा
चिकमंगलूर जिले में स्थित किग्गा पर्यटकों के लिए किसी तोहफे से कम नहीं है। हरियाली और कंट्री लाइफ के साथ यहां पर मनोरंजन के लिए झरने, ट्रैकिंग ट्रेल्स, पहाड़ों, पर्वत चोटियां और खूबसूरत तालाब हैं। बैंगलोर के आसपास शांति और सुकून से कुछ समय बिताने के लिए ये जगह सबसे अच्छी है। यहां पर आप कई ऐतिहासिक स्थल और प्राचीन मंदिर आदि भी देख सकते हैं। कर्नाटक के छोटे से गांव में आपको हरियाली के साथ सुकून भी मिलेगा। यहां पर सिरिमने झरना, नरसिम्हा पर्वत और श्री ऋष्य श्रृंगेश्वर मंदिर भी देख सकते हैं।

कोकरेबेल्लूर
कोकरेबेल्लूर में सबसे मनोरम पक्षी अभ्यारण्य भी स्थित है। जहां आप अपने आप को प्रकृति के जीवों से घिरा हुआ महसूस करेंगे। ये खूबसूरत गांव अपनी समृद्ध जैव विविधता के लिए मशहूर है। घास के मैदान से लेकर जंगल, तालाब से लेकर वन्यजीवों तक आपको यहां बहुत कुछ देखने को मिलेगा। हालांकि, ये जगह पक्षी अभ्यारण्य के लिए सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर्स यहां बहुत आते हैं। यहां पाए जाने वाले पक्षियों में पेंटिड स्टोर्क और पेलिकन शामिल है। इस गांव में पक्षियों की चहचहाहट गूंजती है। यह बंगलौर से 90 किमी दूर है।

कुट्टा
किग्गा की तरह कुट्टा भी कोडागु जिले का एक छोटा सा सुंदर गांव है। इस जगह पर कावेरी नदी के तट पर लोग रिलैक्स करने आते हैं। खूबसूरत जंगल से घिरी ये जगह यहां आने वाले पर्यटकों को एक खास अनुभव देती है। कुट्टा में घूमने के लिए ज्यादा जगहें नहीं हैं लेकिन इसके आसपास ऐसी कई खूबसूरत जगहें जो आप बार-बार देखना चाहेंगें। इनमें पर्वत, मंदिर, ट्रैकिंग रूट, हाइकिंग स्पॉट, पहाड़ और वन्यजीव अभ्यारण्य शामिल हैं। ये गांव बैंगलोर से 235 किमी दूर है।