क्यों सीएम योगी को अच्छा लगा सपा-बसपा का गठबंधन?

लखनऊ। शनिवार को सपा-बसपा ने 2019 चुनाव के लिए गठबंधन की घोषणा कर दी। यूपी की 80 सीटों पर दोनों पार्टियां 38-38 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। जबकि दो सीटें कांग्रेस और दो सीटें अन्य के लिए छोड़ दी गईं है। इस गठबंधन से परेशान होने के बजाय योगी ने इसे आगामी चुनाव के लिए शुभ संकेत बताया है।

एक चैनल के कार्यक्रम में सीएम योगी अदित्यनाथ ने कहा कि दोनों पार्टियां एक हो गई हैं तो अब राजनीतिक रूप से इन दोनों पार्टियों को निपटाना उनके लिए आसान हो गया है। उन्होंने कहा कि 1993 से 1995 तक इन दोनों दलों की संयुक्त सरकार राज्य में थी, इस दौरान कानून-व्यवस्था और अराजकता की क्या स्थिति थी ये राज्य की जनता जानती है?

योगी आदित्यनाथ ने सपा-बसपा पर हमला बोलते हुए कहा कि ये दोनों पार्टियां राज्य में पूर्ण बहुमत से अलग अलग सरकारें बना चुकी हैं, इस दौरान इन सरकारों ने जातीय आधार पर समाज को बांटा, जातीय जहर घोला और प्रदेश को दंगों की आग में झोंका। उन्होंने कहा कि राज्य की जनता इनकी करतूतों को जानती है। यही वो दौर था जब गुंडों और बदमाशों और भ्रष्टाचार का बोलबाला था।

योगी ने कहा कि जनता इस गठबंधन का फैसला खुद करेगी। मैं इस बात को कह सकता हूं कि इस गठबंधन का प्रदेश की राजनीति पर कोई असर नहीं होने वाला है, अच्छा हुआ दोनों एक हो गए हैं, हमें मदद मिलेगी कायदे से इनको निपटाने में।

सीएम ने कहा कि आखिर सपा-बसपा ने कौन ऐसा काम किया है जो इनके गठबंधन को जनता वोट देगी? बसपा के समय में दो तीन जिले और सपा के समय में पांच जिलों को ही बिजली मिलती थी। इनके समय में हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने नियुक्तियों पर रोक लगा रखी थी, क्योंकि अदालतों को भी लगता था कि ये पार्टियां जाति विशेष के लोगों को पैसे लेकर नौकरी देंगी।

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योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वे पूरे विश्वास से कह सकते हैं कि राज्य की जनता जानती है कि सपा-बसपा गठबंधन का मतलब जातिवादी, भ्रष्टाचारी, गुंडों को सत्ता और जनता को उनके भाग्य के भरोसे पर छोड़ देने जैसा है। उन्होंने कहा कि एक तरफ बीजेपी की विकास और लोक कल्याणकारी योजनाएं हैं तो दूसरी तरफ सपा-बसपा की सरकारों के समय में होने वाली अराजकता, गुंडागर्दी, लूट खसोट और दंगे हैं।

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