क्या NASA को पहले से पता थी कल्पना की मौत की तारीख? क्यों छुपाया गया इतना बड़ा सच…
लाइव टुडे डेस्क| पूरी दुनिया में देश का नाम ऊँचा करने वाली देश की बेटी कल्पना चावला का नाम कौन नहीं जानता।
एक लड़की जिसने ये साबित कर दिया कि अगर आप में सच्ची लगन है तो आप पूरी दुनिया को अपने क़दमों में झुका सकते हैं।
आज से 16 साल पहले कल्पना का स्पेस शटल धरती के कक्षा में प्रवेश करते समय भस्म हो गया था और कल्पना चावला समेत 7 अंतरिक्ष यात्रियों का देहांत हो गया।
लेकिन यहाँ सोचने वाली बात ये थी कि क्या NASA के वैज्ञानिकों को पहले ही पता था कि उस अन्तरिक्ष यान के सभी यात्रियों कि मौत निश्चित है।
अगर हाँ तो उन्होंने इसके लिए कोई कदम क्यों नहीं उठाया। ऐसे कई सवाल हमारे दिमाग में उथल पुथल मचाये हुए हैं।
लेकिन उससे पहले हम जानते हैं कि ये कल्पना चावला कौन थी और कैसे ये तमाम देश्वसियों के दिल पर अपनी छाप छोड़ गयीं।
कल्पना बनारसी लाल चावला अंतरिक्ष में जाने वाली भारत की प्रथम महिला थी और भारतीय मूल की दूसरी नागरिक।
उन्होंने अपने शौर्य और बहादुरी से भारत का नाम रौशन किया है और जाने के बाद भी देश के नागरिकों के दिलों पर एक छाप छोड़ कर गयी।
1 फ़रवरी 2003 को, टेक्सस में स्पेस शटल कोलंबिया एसटीएस -107 पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसके चलते सात अन्तरिक्ष यात्रियों की मौत हुई।
इन सात यात्रियों में से एक थीं भारत की कल्पना चावला- अन्तरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला।
अनगिनत भारतीय लड़कियों के लिए एक आदर्श, कल्पना चावला हरियाणा में करनाल के एक साधारण से परिवार से ताल्लुक रखती थीं। कल्पना के ऊंचे सपनों और अतुलनीय साहस ने उन्हें अन्तरिक्ष तक पहुंचाया।
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31 दिन, 14 घंटे और 54 मिनट अंतरिक्ष गुजारने के बाद, 1 फरवरी 2003 को कोलंबिया अंतरिक्षयान ने पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश किया। किन्ही कारणों से यह यान पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करते ही जलने लगा और टूटकर बिखर गया।
देखते ही देखते अन्तरिक्ष यान आग की लपटों में समा गया और उसमे सवार सातो यात्रियों का निधन हो गया। महज़ 41 वर्ष की आयु में कल्पना चावला हमे छोड़ कर चली गयीं।
परन्तु आज भी वह सभी भारतियों के मन मस्तिष्क में जीवित हैं, और हमेशा रहेंगी। कल्पना चावला ने भारत का नाम रोशन किया और सभी के लिए एक मिसाल कायम की।