क्या आपको पता है कहाँ से आया व्रत में खाया जाने वाला नमक, सच्चाई जानकर चौंक जायेंगे आप…
इस बात से आप सभी वाकिफ होंगे कि कुछ खास व्रत में नमक का प्रयोग भी किया जाता है लेकिन कभी आपके में यह सवाल उठा कि वह नमक आता कहां से हैं। आज हम आपको बताएंगे कि व्रत वाला नमक कहां से आता है।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि नमक पांच प्रकार के होते हैं, काला नमक, सादा नमक, सेंधा नमक, और समुद्री नमक। हिंदू में सेंधा नमक को पवित्र नमक माना जाता है। इसे अंग्रेजी में रॉक सॉल्ट कहा जाता है।
इस नमक की खासियत है कि इसे रिफाइन नहीं किया जाता है। सेंध नामक में पोटैशियम, मैग्नीशियम और कैल्शियम पाया जाता है। यही कारण है कि यह नामक व्रत के दिनों में शरीर के लिए बेहतर होता है।
सिंध इलाके से लाए गए इस नमक को ‘सेंधा’ इसीलिए कहा जाता है क्योंकि इसे सिंध के इलाके से लाया गया था। सेंधा नमक लाहौर में बहुत मात्रा में पाया जाता है।
मौजूदा समय में पाकिस्तान के पश्चिमोत्तर पंजाब में नमक कोह नाम की मशहूर पहाड़ी है। यहां मौजूद खेवड़ा नमक खदान दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी नमक की खान के रूप से जानी जाती है।
यहां से हर साल लगभग 4.65 लाख टन नमक निकाला जाता है। इस खान में नमक की मात्रा इतनी है कि अगर पूरी दुनिया में नमक खत्म भी हो जाए तो आने वाले 500 सालों में यहां से नमक की सप्लाई की जा सकती है।
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इतिहासकारों की मानें तो इस खान की होज सिकंदर के समय में हुई थी। जब सिकंदर ने खेवड़ा इलाके में धावा बोला तो वहां उसके घोड़ों नें दीवारों को चाटना शुरू किया।
जिसके बाद पता चला कि यहां नमक की खान है। बता दें कि खेवड़ा खान में आज के समय 40 किलोमीटर का लंबा टनल है। इस खान को खोदते-खोदते आज यह कमरा नुमा हो गई है।
बता दें कि इसे कमरे के आकार में इसलिए खोदा जाता है ताकि खान के ढांचे को सहारा मिलता रहे और वह गिरे नहीं।