चार साल में एक करोड़ युवाओं को कौशल प्रशिक्षण का लक्ष्य

कौशल प्रशिक्षण नई दिल्ली। केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राजीव प्रताप रूडी ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना-2 (2016-2020) के तहत राज्यों की भागीदारी के लिए दिशानिर्देशों की घोषणा की। एमएसडीई ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के लिए राज्यों को निर्धारित निधियों की 25 प्रतिशत राशि अर्थात लगभग 3000 करोड़ रुपये का आवंटन किया है, ताकि चार वर्षो में एक करोड़ लोगों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य प्राप्त किया जा सके। यह सूचना और संरक्षक नेटवर्क, क्रेडिट, इनक्यूबेटर और एक्सीलेटर तक आसान पहुंच और युवाओं के लिए एक मार्ग का सृजन करने में सहायता प्रदान करेगी।

कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के दूसरे स्थापना दिवस के अवसर पर रूडी ने बुधवार को उद्यमशीलता शिक्षा और प्रशिक्षण के बारे में अब मंत्रालय की एक प्रमुख योजना प्रधानमंत्री युवा योजना का शुभारंभ किया।

इस अवसर रूडी ने कहा कि इस सरकार ने देश में उद्यमशीलता को ऊंचा उठाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री युवा योजना में उद्यशीलता शिक्षा सीखने की राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रक्रियाएं शामिल हैं।

उन्होंने कहा एमएसडीई के उद्यमशीलता शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए दो समर्पित संस्थानों – एनआईईएसबीयूडी और आईआईई ने आज तक उद्यमिता कौशल के क्षेत्र में 125 से अधिक देशों के 2,600 व्यक्तियों सहित 7 लाख से अधिक प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित किया है। इस मंत्रालय का एक हिस्सा बनने के बाद ये दोनों संस्थान अब देश भर में उभरते उद्यमियों के संरक्षण पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हम इस पहल के द्वारा अपने युवाओं के लिए रोजगार के अधिक अवसर जुटाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

प्रधानमंत्री युवा योजना के अधीन उच्च शिक्षा के 2200 संस्थान (कॉलेज, विश्वविद्यालय और प्रमुख संस्थान), 300 स्कूल, 500 आईटीआई और 50 उद्यमिता विकास केंद्र मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्सेज (एमओओसी) के माध्यम से शामिल हैं।

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