कोर्ट बताएगा कितना सही या गलत है सरकार द्वारा CBI निदेशक को छुट्टी पर भेजना

नई दिल्ली। विगत दिनों देश की महत्वपूर्ण खूफिया एजेंसी सीबीआई के अंदर घमासान मचने से पूरे देश में चर्चाओं का माहौल गर्म हो गया था।

सीबीआई के डायरेक्टर आलोक कुमार वर्मा और ब्यूरो के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच छिड़ा संग्राम सार्वजनिक होने पर सरकार के लिए मुश्किल हालात बन चुके थे।

ऐसे में सरकार द्वारा आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना दोनों को ही उनके अधिकारों से वंचित करते हुए छुट्टी पर भेज दिया गया था। सरकार के इसी फैसले के खिलाफ वर्मा ने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। ऐसे में आज कोर्ट इस बात का फैसला करेगी कि सीबीआई निदेश आलोक वर्मा को सरकार द्वारा छुट्टी पर भेजना आखिर कितना सही था और कितना गलत।

इससे पहले इस मसले पर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट के सामने वर्मा को उनकी जिम्मेदारियों से हटाकर अवकाश पर भेजने के अपने फैसले को सही ठहराया था और कहा था कि उनके और अस्थाना के बीच टकराव की स्थिति है जिस वजह से देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी जनता की नजरों में हंसी का पात्र बन रही है। अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने बेंच से कहा था केंद्र के पास हस्तक्षेप करने और दोनों अधिकारियों से शक्तियां लेकर उन्हें छुट्टी पर भेजने का अधिकार है।

तेल की कीमतों में आई कमी, जानें कारण

वहीं वर्मा का सीबीआई निदेशक के रूप में दो साल का कार्यकाल 31 जनवरी को पूरा हो रहा है। ऐसे में उन्होंने केंद्र के फैसले को चुनौती देने हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था।

वर्मा ने केन्द्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के एक और डिपार्टमेंट ऑफ पर्सोनल एंड ट्रेनिंग (डीओपीटी) के दो सहित 23 अक्टूबर, 2018 के कुल तीन आदेशों को निरस्त करने की मांग की है। उनका आरोप है कि ये आदेश क्षेत्राधिकार के बिना और संविधान के अनुच्छेदों 14, 19 और 21 का उल्लंघन करके जारी किए गये।

क्या सवर्णों को मिल पाएगा आरक्षण? अभी भी बाकी है इनकी मंजूरी

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की बेंच ने पिछले साल छह दिसंबर को आलोक वर्मा की याचिका पर वर्मा, केंद्र, सीवीसी और अन्य की दलीलों पर सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित रखा था। मामले पर कोर्ट द्वारा आज फैसला सुनाया जाएगा।

LIVE TV