कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच घर पर चेक करें ठीक हैं आपके फेफड़े या नहीं, एक्सपर्ट ने बताया आसान तरीका

कोरोना के लगातार बढ़ते प्रकोप के बीच लोगों में डर भी बढ़ता जा रहा है। एक्सपर्ट्स यह सलाह देते हैं कि अगर आप में कोरोना वायरस के लक्षण हैं तो आप खुद को आइसोलेट कर ले। इसके लिए बुखार या RT-PCR टेस्ट रिपोर्ट का इंतजार करने की जरूरत नहीं है। अगर आपका गला खराब है, नाक बह रही है, बदन दर्द है, सिर घूम रहा है या डायरिया है तो आप सावधानी बरतना शुरु कर दें।

मीडिया रिपोर्ट में मेदांता के डॉक्टर अरविंद कुमार के हवाले से लिखा गया है कि आप 6M का ध्यान रखकर कोविड से लड़ सकते हैं। एक न्यूज चैनल से बातचीत में उन्होंने यह छह उपाय बताए हैं। इसी के साथ गर में रहकर ही फेफड़ों की जांच कर तरीका भी बताया गया है।

  • मिक्सिंग बिल्कुल भी न करें। अगर आप में कोई भी लक्षण दिख रहा है तो खुद को आइसोलेट कर लें। संक्रमण को रोकने का यह सबसे कारगर उपाय है।
  • दवाईयां लेना शुरु करें। अगर बुखार नहीं भी है तो 6-6 घंटे पर पैरासिटामॉल लें। जरूरत पड़े तो उसे 4-4 घंटे के अंतराल पर भी लिया जा सकता है। वहीं अगर डॉक्टर ने आपको एंटी वायरल या एंटी बायोटिक दवाएं लिखी हैं तो उसे भी आप ले सकते हैं। अपने प्रिस्क्रिप्शन से किसी और दवा लेने के लिए न कहें।
  • खान-पान का विशेष ध्यान रखें। हाई प्रोटीन डाइट लें। ताजे फलों का सेवन करें। दिन में 2-2.5 लीटर तक पानी जरूर पीए और ताजा जूस ले। चिकनाई वाली चीजों से परहेज करें।
  • माइंडसेट को पॉजिटिव रखें। पैनिन न हो इससे ज्यादा नुकसान होता है।
  • मॉनिटरिंग जरूर करें। बुखार को 4-4 घंटे पर देखते रहें और पल्स ऑक्सीमीटर के जरिए ऑक्सीजन लेवल चेक करते रहें। नाखून पर नेल पॉलिश लगी हो तो उसे हटा दें। रीडिंग 2-2 मिनट के लिए स्थिर रहने के बाद ही लें।

यदि बुखार 104-105 फैरनहाइट से ज्यादा है। सीने में दर्द हो, लगातार खांसी हो, सांस लेने में तकलीफ हो तो आपको ऑक्सीजन की जरूरत है। आप अस्पताल जा सकते हैं।

ऐसे करें फेफड़ों की सेहत का ख्याल

डॉ. कुमार के अनुसार आप घर बैठे-बैठे सांस रोककर या फिर 6 मिनट की वॉक के जरिए फेफड़ों को टेस्ट कर सकते हैं। बैठकर गहरी सांस लीजिए औऱ सांस को अंदर रोक लीजिए। जितनी देर तक हो सके इसे रोक कर रखें। हर घंटे में एक बार डीप ब्रीदिंग औऱ सांस रोकने के लिए प्रैक्टिस करें। अगर सांस रोकने का समय रोज 2-3 सेकेंट बढ़ रहा है औऱ 25-30 सेकेंड से ऊपर है तो आपको मोटे मोटे तौर पर फेफड़ों की समस्या नहीं है।

ऑक्सीजन सैचुरेशन चेक करें। इसके बाद 6 मिनट की वॉक लेकर फिर रीडिंग चेक करें। अगर सैचुरेशन में 3-4 फीसदी से ज्यादा की गिरावट नहीं है तो मतलब फेफड़े ठीक काम कर रहे हैं।

LIVE TV