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चीन में अधिकतर तलाक के मामले सामने आ रह हैं। वहीं अधिकतर युवा शादी से इंकार कर रहे हैं। बतादें की ऐसे एक मामला चीन से सामने आया हैं जहां चीन की एक पूरी पीढ़ी ही विवाह के बंधन में बंधने से इंकार कर रही है। युवा ‘एकाकी समाज’ की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं जिसे लेकर चीन चिंतित है। पेकिंग यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस के सर्वे में बताया गया है कि चीन में 1980 के दशक में पैदा हुए 13 फीसदी लोगों ने शादी के 15 साल बाद एक-दूसरे से तलाक ले लिया और अलग रहने लगे।

 

 

बतादें कीयुवाओं में तलाक की यह तादाद अपने से पिछली पीढ़ी के मुकाबले तीन गुना ज्यादा है। वहीं, 70 फीसदी से ज्यादा युवा इसलिए शादी नहीं कर रहे क्योंकि उन्हें पसंद का पार्टनर नहीं मिल रहा है। 16 फीसदी से ज्यादा युवाओं का साफ कहना है कि वे शादी नहीं करना चाहते हैं।

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जहां चीन दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है। जनसंख्या 138 करोड़ से अधिक है। लेकिन यहां की युवा आबादी भारत के युवा आबादी से कम है। चीन को अपनी युवा आबादी के ‘एकल समाज’ की तरफ बढ़ते सोच की वजह से चिंता होने लगी है। कम्युनिस्ट यूथ लीग सेंट्रल सेकेट्री विभाग के सर्वे का कहना है कि चीन की 14 फीसदी आबादी ही शादी करना चाहती है।

लेकिन यह सर्वे तीन हजार लोगों पर किया गया जिसमें से 70 फीसदी लोगों ने कहा कि जब तक उन्हें सही व्यक्ति नहीं मिलता तब तक वे शादी नहीं करना चाहते। 16 फीसदी लोगों ने तो शादी से साफ इंकार कर दिया।

आंकड़े बताते हैं कि चीन में शादी की दर में 2018 में 7.2 फीसदी गिरावट आई है। जबकि साल 2013 में यह 9.9 फीसदी थी। साल 2013 में चीन में 1.30 करोड़ लोगों ने ही शादी का पंजीकरण करवाया था जबकि पिछले साल यह आंकड़ा और गिर गया और सिर्फ एक करोड़ लोगों ने ही मैरीज रजिस्टर करवाई। शंघई के फूडान यूनिवर्सिटी के सोशल विकास और पब्लिक पॉलिसी विभाग की शोधकर्ता वांग जूफेन का कहना है कि चीन में विवाह दर के घटने की वजह दर्शाती है कि महिलाएं अच्छी शिक्षा हासिल कर रही हैं जिसकी वजह से वे आर्थिक तौर पर स्वतंत्र रहना चाहती हैं।

दरअसल औरतें नहीं चाहती कि वे पुरुषों की कमाई पर निर्भर रहें। ये ही वजह है कि स्कूल और कॉलेजों में महिला कैंडिडेट की संख्या बढ़ रही है।पूर्वी चीन की एक यूनिवर्सिटी में शोधकर्ता जीयू शिंग का कहना है कि पहले की पीढ़ियां परिवार के विस्तार के लिए शादी करती थीं ताकि बुढ़ापे में बच्चे उनका ख्याल रखें। लेकिन अब दौर बदल गया है और ज्यादातर लोगों के पास सोशल एवं मेडिकल इंश्योरेंस है जिसकी वजह से शादी की जरूरत पहले से कम हो गई है। इसके अलावा, चीन में युवाओं की सोच भी शादी को लेकर अब बदल गई है।

वहीँ चीन की ही तरह कोरिया में भी युवा शादी से दूरी बना रहे हैं। यहां महिलाओं के ऐसे कई ग्रुप हैं जो कि शादी और मातृत्व से दूरी बना रहे हैं। इसकी वजह से कोरिया में आर्थिक संकट पैदा हो रहा है।  युवाओं के शादी नहीं करने से कोरिया दुनिया के सबसे कम बर्थ रेट वाले देशों में शुमार हो गया है। बर्थ रेट घटने से लेबर क्राइसिस पैदा हो गए हैं।

 

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