केंद्रीय आपदा टीम ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों किया दौरा , आपदाओं में 15 लोग हुए दफ़न…

रिपोर्ट – चमोली

PUSKAR NEGI

 

 

केन्द्रीय दल ने घाट ब्लाक के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर दैवीय आपदा में हुई क्षति का आंकलन किया। सात सदस्यीय केन्द्रीय टीम में शामिल केन्द्रीय आपदा प्रबन्धन मंत्रालय के संयुक्त सचिव  ने घाट ब्लाक में लाखी, बांजबगड, भटियाणा, फाली, कुन्तरी-सैंती, कुरूड गांव क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया हैं।

 

 

बतादें की इस दौरान उन्होंने जिला स्तरीय अधिकारियों से आपदा में हुए नुकसान एवं प्रशासन द्वारा किए गए कार्यो की जानकारी ली और प्रभावितों लोगों की समस्याएं भी सुनी। इस दौरान जिलाधिकारी ने केन्द्रीय दल को प्रभावित क्षेत्रों में विगत आपदा के दौरान हुई क्षति के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

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वहीं जिलाधिकारी ने केन्द्रीय दल को जिले के विभिन्न क्षेत्रों में मानसून सत्र के दौरान घटित आपदा की जानकारी देते हुए बताया कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में तत्कालिक सहायता के रूप में सभी प्रभावितों में अहैतुक धनराशि व रसद सामग्री पहुॅचायी गई है। साथ ही क्षतिग्रस्त सड़क, विद्युत एवं पेयजल लाईन को सुचारू किया गया।

जहां उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में विभिन्न विभागों की क्षतिग्रस्त संपत्तियों का सर्वे कर पुर्नवास एवं पुर्ननिर्माण कार्यो हेतु आकड़ें एकत्रित किए गए है तथा संबधित विभागों द्वारा क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों का पुर्ननिर्माण कार्य शुरू किया गया है।

दरअसल इस दौरान स्थानीय लोगों ने केन्दीय दल को अवगत कराया कि आपदा के दौरान जिला प्रशासन द्वारा बेहतर कार्य किया गया है तथा प्रभावित लोगों तक तत्कालिक सहायता दी गई।

जिस पर केन्द्रीय दल ने जिला प्रशासन के कार्यो की सराहना की। निर्वतमान ब्लाक प्रमुख घाट कर्ण सिंह नेगी ने केन्द्रीय दल को सुझाव देते हुए कहा कि पहाडी क्षेत्र को देखते हुए आपदा राहत के मानकों में बदलाव कर राहत राशि को बढाया जाना आवश्यक है।

विगत 03 जून को गैरसैंण के लामबगड, 06 अगस्त को जोशीमठ के लामबगड, 08 अगस्त को देवाल ब्लाक के फल्दिया तथा 11 अगस्त की रात्री को घाट ब्लाक के लाखी, बांजबगड, फाली आदि गांवों में बादल फटने, अतिवृष्टि, भूस्खलन व वोल्डर गिरने से भारी जानमाल का नुकसान हुआ था। जिले के विभिन्न क्षेत्रों में घटित इन आपदाओं में 15 लोग एवं दर्जनों मवेशी मलवे में जिन्दा दफन हो गए थे। इसके अलावा सड़क, पुल, पैदल रास्ते, कृषि भूमि, आवासीय भवन, गौशाला, दुकानों को भी भारी क्षति पहुंची थी।

 

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