पीएम मोदी का मास्‍टरस्‍ट्रोक, पाकिस्‍तान को नही मिलेंगे हथियार

वाशिंगटन। प्रधानमंत्री मोदी के कूटनीतिक प्रयासों का असर अब विश्‍व के लगभग सभी देशों पर दिखने लगा है। इन प्रयासों से जहां एक ओर भारत को विश्‍व में उभरती हुई शक्ति के रूप में देखा जा रहा है वहीं पाकिस्‍तान की छवि आतंकी देश की बन गयी है इसी का नतीजा है कि अब विश्‍व का ज्‍यादातर देश पाकिस्‍तान के साथ कोई रिश्‍ता नहीं रखना चाहते।

कूटनीतिक प्रयासों

एक अमेरिकी थिंक टैंक ने कहा है कि भारत की खरीदने की क्षमता एवं भूराजनीतिक प्रभाव बढ़ रहा है, जबकि उच्च तकनीक युक्त रक्षा सामग्री की खरीदारी में पाकिस्तान पर विश्व में अलग थलग पड़ने का खतरा मंडरा रहा है। ‘स्टिम्सन सेंटर’ ने एक रिपोर्ट में कहा है कि संभवत: पाकिस्तान लंबे समय तक वैश्विक बाजार में अत्याधुनिक हथियार प्रणाली तक पहुंच बनाने में सक्षम नहीं हो पाएगा।

रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के पास चीन और संभवत: रूस की सैन्य प्रणाली पर निर्भर रहने के अलावा और कोई दूसरा विकल्प नहीं होगा, जो पाकिस्तान की रक्षा आवश्यकताओं के लिए उचित हो भी हो सकता अथवा नहीं भी हो सकता है।

‘मिलिट्री बजट्स इन इंडिया एंड पाकिस्तान: ट्रैजेक्टरीज, प्रायोरिटीज एंड रिस्क्स’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की खरीदारी की बढ़ती क्षमता एवं बढ़ते भूराजनीतिक प्रभाव के कारण उच्च प्रोद्यौगिकी तक पाकिस्तान की पहुंच बाधित हो सकती है।

वर्ष 2002 से लेकर 2015 के बीच अमेरिकी सैन्य सहायता पाकिस्तान के रक्षा खर्च का 21 प्रतिशत थी जिसकी मदद से पाकिस्तान ने अपने संघीय बजट एवं समग्र अर्थव्यवस्था पर भार को कम करते हुए अपनी सैन्य खरीदारी के उच्च स्तरों को बनाए रखा।

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